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बीएचयू हिंसा: कुलपति जीसी त्रिपाठी को दिल्ली तलब किया गया, भेजे जा सकते हैं छुट्टी पर

locationवाराणसीPublished: Sep 26, 2017 12:13:39 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

पीएम की नाराजगी के बाद वीसी पर गाज गिरनी लगभग तय, एक बार फिर संघ में अपनी मजबूत पकड़ का सहारा ले सकते हैं जीसी त्रिपाठी

BHU

कुलपति

वाराणसी. बीएचयू में छात्राओं से छेड़खानी और लाठीचार्ज विवाद लगातार गहराने के बाद से जैसे ही पीएम मोदी का सोमवार को मामले को जल्द निपटाने का निर्देश आया। तभी से साफ होने लगा था कि इस मामले पर कुछ बड़ी कार्रवाई होनी तय है। शायद होने भी वही जा रहा है। क्यूंकि अगर पत्रिका के करीबी सूत्रों की मानें तो मंगलवार को बीएचयू के कुलपति पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने कुलपति को तलब किया – सूत्र

इस बात की पुष्टि तो नहीं हो सकी है पर सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके अनुसार मंगलवार यानि आज बीएचयू के कुलपति को एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने दिल्ली तलब किया है। साथ ही इनसे घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी गई है। इस मीटिंग में एचआरडी मंत्रालय के अफसर भी मौजूद रहेंगें। खबरें तो यहां तक हैं कि आज ही कुलपति को छुट्टी पर भेजा जा सकता हैं। बताया तो ये भी जा रहा है कि पीएम मोदी इस मामले को लेकर काफी नाराज हैं। वो नहीं चाहते कि वीसी को सुरक्षित रखकर विरोधियों और देशभर में छात्रों के गुस्से का शिकार सरकार को होना पड़े।
कमिश्नर की रिपोर्ट भी बीएचयू प्रशासन के लिए घातक

बतादें कि वाराणसी के मंडयायुक्त नितिश रमेश गोकर्ण ने प्रमुख सचिव को बीएचयू मामले पर रिपोर्ट भेज दी है। उस रिपोर्ट में भी उन्होने पूरे मामले को लेकर बीएचयू प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया है। रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि बीएचयू प्रशासन ने छात्राओं से छेड़खानी और शुरूआती विरोध की अनदेखी की है। साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर प्रशासन चाहता तो ये मामला शुरूआत में सुलझाया जा सकता था।
आरएसएस में मजबूत पैठ का सहारा ले सकते हैं त्रिपाठी

जानकारों की मानें तो आरएसएस में अपने मजबूत पैठ का सहारा भी कुलपति जीसी त्रिपाठी ले सकते हैं। पत्रिका से बातचीत में जानकारों ने कहा कि केन्द्र में 2014 में मोदी की सरकार बनने के बाद नवंबर 2014 में जीसी त्रिपाठी ने बीएचयू का कुलपति बनकर भी सबकों चौंका दिया था। लोगों की मानें तो संघ में बेहतरीन पैठ के अलावा कोई ऐसी योग्यता नहीं थी जिसके लिए त्रिपाठी को बीएचयू की कमान दी जाती। अब एक बार फिर उनकी परीक्षा है। गाज गिरना लगभग तय माना जा रही है। ऐसे में जानकार बता रहे हैं कि फिर त्रिपाठी संघ में अपनी बेहतरीन पकड़ का सहारा ले सकते हैं
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