किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने का मिला आश्वासन बीएचयू प्रशासन की जांच कमेटी की रिपोर्ट में चिकित्सा अधीक्षक को क्लीन चिट मिलने के बाद बीएचयू ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी और डिप्टी एमएस प्रो. सौरभ सिंह की तरफ से नर्सिंग ऑफिसरों को लिखित सहमति पत्र दिया गया। सहमति पत्र में उनके विरोध-प्रदर्शन को लेकर उन पर किसी तरह की कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई न किए जाने का आश्वासन दिया। साथ ही भविष्य में उनकी समस्याओं के लिए एक ग्रीवांस कमेटी का गठन करने की जानकारी देते हुए आश्वस्त किया कि भविष्य में उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। इसके लिए नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट ऑफिस की तरफ से विश्वविद्यालय के नियमानुसार जो भी समस्याएं होंगी, उसका समाधान कराया जाएगा।
11 सदस्यीय ग्रीवांस सेल गठित, नर्संग स्टॉफ के सदस्य भी शामिल इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन ने नर्सिंग ऑफिसरों की मांगों पर 11 सदस्यीय ग्रीवांस कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का चेयरमैन फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीन प्रो. एसके सिंह को बनाया गया है। सर सुंदरलाल अस्पताल के सहायक कुलसचिव सदस्य सचिव की भूमिका में रहेंगे। कमेटी में 3 नर्सिंग ऑफिसरों को भी शामिल किया गया है। कमेटी नर्सिंग ऑफिसरों की समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्रवाई करेगी।
चिकित्सा अधीक्षक पर लगा था नर्सिंग स्टॉफ को थप्पड़ मारने का आरोप बता दें कि सर सुंदरलाल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. केके गुप्ता पर थप्पड़ मारने के आरोप लगाते हुए नर्सिंग स्टॉफ ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। हालांकि प्रो गुप्ता पहले दिन से ही आरोप को खारिज करते रहे। फिर भी मामले की जांच के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की। कमेटी ने प्रो गुप्ता को क्लीन चिट दे दी। जांच समिति आपात चिकित्सा विभाग में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला। उसके बाद कमेटी ने कहा कि जांच में प्रो गुप्ता के थप्पड़ मारने संबंधी आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है।