scriptबीएचयू के सर सुंदर लाल चिकित्सालय में अभी और तीन दिनों तक रहेगी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल | BHU junior doctors strike extended till Friday | Patrika News

बीएचयू के सर सुंदर लाल चिकित्सालय में अभी और तीन दिनों तक रहेगी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल

locationवाराणसीPublished: Jul 23, 2019 01:50:23 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

कुलपति से हुई वार्ता में नहीं निकला हल, अब शुक्रवार तक जारी रहेगी हड़तालसातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं जूनियर डॉक्टरमरीज और तीमारदार हैं बेहाल, बाहर से आने वाले मरीज लौटने लगे

BHU junior doctors strike

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वाराणसी. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदर लाल चिकित्सालय के जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल अभी और दो तीन दिन जारी रहेगी। जूनियर डॉक्टर्स और कुलपति के बीच मंगलवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल को शुक्रवार तक जारी रखने का ऐलान किया। यह भी चेतावनी दी है कि अगर इस बीच मांग पूरी नहीं हुई तो वो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
बता दे कि सातवें वेतन आयोग की शिफारिशें लागू कराने की मांग को लेकर बीएचयू, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने सोमवार और मंगलवार को दो दिन के सांकेतिक हड़ताल की घोषणा की थी। लेकिन मंगलवार को बीएचयू के कुलपति प्रो राकेश भटनागर के साथ हुई जूनियर डॉक्टर्स की बैठक में कोई हल नहीं निकले पर जूनियर डॉक्टर्स ने शुक्रवार तक हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है।
कोट

जूनियर डॉक्टर अमन देव ने पत्रिका से बातचीत में बताया कि अन्य विश्वविद्यालयों की ओर से एमएचआरडी को जूनियर डॉक्टर्स को सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने के लिए रिपोर्ट भेजी गई है पर बीएचयू से ऐसा कुछ नहीं हुआ है। डॉ अमन ने बताया कि मंगलवार को कुलपति प्रो भटनागर संग वार्ता हुई पर वह कोई सार्थक आश्ववासन भी न दे सके। लिहाजा हम लोगों ने फिलहाल शुक्रवार तक हड़ताल बढा दी है। इस दौरान आपात चिकित्सा प्रभावित नहीं होगी। लेकिन शुक्रवार तक विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से सकारात्मक पहल नहीं होती तो सारी सेवाएं ठप कर दी जाएंगी।
उधर इन जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते मरीजों और तीमारदारों का बुरा हाल है। ओपीडी में सीनियर डॉक्टर्स हैं पर वो उत्तर भारत के विभिन्न जिलों से आने वाले मरीजो की इतनी बड़ी तादाद को परामर्श नहीं दे पा रहे। अधिकतम 100 मरीज ही देख पा रहे हैँ। ऐसे में मरीज आसपास के नर्सिंग होम या प्राइवेट क्लीनिक में जाने को विवश हैं। यह हाल केवल सर सुंदर लाल चिकित्सालय का नहीं बल्कि ट्रामा सेटर का भी यही हाल है।

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