जेएनयू की तरह ही बीएचयू में आये दिन विभिन्न मुद्दों को लेकर छात्रों का हंगामा होता रहा है। पूर्व वीसी प्रो.जीसी त्रिपाठी अपने कार्यकाल में इन हंगामों को रोकने में विफल साबित हुए थे। प्रो.जीसी त्रिपाठी के विवादित कार्यकाल के दौरान छेडख़ानी के मुद्दे को लेकर छात्राओं ने आंदोलन कर दिया था। छात्राओं का आंदोलन इतना व्यापक हो गया था कि अपने ही संसदीय क्षेत्र में आये पीएम नरेन्द्र मोदी को सुरक्षा के चलते रास्ता भी बदलना पड़ गया था इसके बाद प्रो.जीसी त्रिपाठी को कार्यकाल खत्म होने तक अवकाश पर भेज दिया गया था। इसके बाद से चार माह से बीएचयू वीसी का पद खाली चल रहा था, जिसके वीसी पद पर अब जेएनयू के प्रो.राकेश भटनागर की नियुक्ति हो गयी है।
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प्रो.भटनागर ने किया था एंथे्रक्स का टीका, दुनिया भर में मिली थी सराहना
प्रो.राकेश भटनागर ने ही एंथ्रेक्स से बचाव का टीका विकसित किया था जिसके बाद उन्हें दुनिया भर से सराहना मिली थी। सख्त निर्णय लेने वाले प्रो.राकेश भटनागर विश्व स्तर के बायोटेक्नोलॉजी के जानकार है। जेएनयू प्रकरण के बाद अब सभी निगाहे बीएचयू पर लग गयी है। वीसी का पदभार संभालने के बाद प्रो.भटनागर परिसर को कितना व्यवस्थित कर पाते हैं। आशंका है कि जेएनयू प्रकरण के चलते परिसर में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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प्रो.राकेश भटनागर ने ही एंथ्रेक्स से बचाव का टीका विकसित किया था जिसके बाद उन्हें दुनिया भर से सराहना मिली थी। सख्त निर्णय लेने वाले प्रो.राकेश भटनागर विश्व स्तर के बायोटेक्नोलॉजी के जानकार है। जेएनयू प्रकरण के बाद अब सभी निगाहे बीएचयू पर लग गयी है। वीसी का पदभार संभालने के बाद प्रो.भटनागर परिसर को कितना व्यवस्थित कर पाते हैं। आशंका है कि जेएनयू प्रकरण के चलते परिसर में उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
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