बता दें कि सर सुंदरलाल अस्पताल की नियोनेटल आईसीयू (एनआईसीयू) में नर्सिंग की प्रशिक्षु छात्रा ने जूनियर डॉक्टर पर छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। शनिवार को छात्रा ने आईएमएस के निदेशक प्रो. ए के अस्थाना से शिकायत भी की थी। साथ ही ट्वीट कर पुलिस को भी घटना से अवगत कराया था। छात्रा के ट्वीट को एडीजी ने संज्ञान लेते हुए प्रकरण की जांच आईजी जोन को सौंपी है।
इस बीच आईएमएस निदेशक प्रो अस्थाना ने सोमवार की सुबह विश्वविद्यालय खुलने पर पीड़ित छात्रा को अपने पास बुलाया। जानकारी के मुताबिक खबर लिखे जाने तक निदेशक और छात्रा के बीच बातचीत जारी थी। वैसे इस घटना को लेकर नर्सिंग छात्राओं में काफी रोष है। पत्रिका से बातचीत में कुछ छात्राओं ने बताया कि यह कोई नई घटना नहीं है। हम लोगों के साथ अक्सर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। इसकी शिकायत हम लोग अपनी टीचर्स और हेड से करते हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। बताया कि हम लोगों ने कई बार कहा कि ड्यूटी, खास तौर पर रात्रिकालीन ड्यूटी लगाते वक्त साथी छात्र को भी ड्यूटी दी जाए लेकिन ऐसा नहीं होता। ऐसे में अगर ड्यूटी के वक्त किसी नर्सिंग छात्रा की तबीयत खराब हो जाए तो दूसरी छात्रा को अकेले ही पूरी ड्यूटी करनी होती है। वहीं जूनियर डॉक्टर्स के इस तरह के रवैये से भी हम लोगों को काफी परेशानी होती है।
घटना के बाबत छात्राओं ने बताया कि छात्रा की ड्यूटी शुक्रवार रात सर सुंदरलाल अस्पताल के नियोनेटल आईसीयू में थी। ड्यूटी पर ही उसकी तबीयत बिगड़ गई तो उसने अपनी सीनियर को बताया। सीनियर के कहने पर ही वह डॉक्टर के कमरे में आराम करने के लिए गई। आरोप है कि कमरे में पहले से सो रहे डॉक्टर ने उसके साथ छेड़छाड़ की। विरोध किया तो डॉक्टर भड़क गया और धमकाने लगा। रात में ही छात्रा ने अपने साथ हुई इस घटना की जानकारी नर्सिंग अफसर से की। सुबह चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एके अस्थाना से भी शिकायत की। निदेशक ने भी मामले की जांच के आदेश दिए हैं।