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BHU के खिलाफ PMO जा रहे OBC छात्रों को पुलिस ने रोका, झड़प

locationवाराणसीPublished: Feb 13, 2020 06:42:58 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-एक दिन पहले ही BHU OBC छात्रों ने PMO जाने का किया था ऐलान-बीएचयू प्रशासन पर लगाया था भेदभाव का आरोप-पुलिस ने रोका तो बीएचयू परिसर में किया चक्रमण, केंद्रीय कार्यालय पर दिया धरना

 ओबीसी छात्रों को पीएम मोदी के ससंदीय कार्यालय जाने से रोकती पुलिस

ओबीसी छात्रों को पीएम मोदी के ससंदीय कार्यालय जाने से रोकती पुलिस

वाराणसी. BHU के खिलाफ PM मोदी के संसदीय कार्यालय जा रहे OBC छात्रों को पुलिस ने रोका। बीएचयू गेट पर ही पुलिस और छात्रों के बीच झड़प भी हुई। लेकिन पुलिस बल के आगे उनकी एक न चली। ऐसे में छात्रों ने परिसर में भ्रमण किया और केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शऩ किया।
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केंद्रीय कार्यलाय पर धरना देते ओबीसी छात्र
IMAGE CREDIT: patrika
बता दें कि BHU के पिछड़ा वर्ग के छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पीएडी प्रवेश प्रक्रिया में ओबीसी का प्रतिनिधित्व नहीं होता है। इसके विपरीत एससी-एसटी को पूरा प्रतिनिधित्व मिलता है। ओबीसी का प्रतिनिधित्व न होने से उन्हें मेरिट से बाहर कर दिया जाता है। इतना ही नहीं पिछड़े छात्रो के साथ छात्रावास आवंटन में भी भेदभाव बरता जाता है।
ओबीसी छात्रों की मांगें
1-विश्वविद्यालय के पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में ओ.बी.सी. वर्ग का प्रतिनिधि नहीं नियुक्त किया जाता है जबकि अन्य आरक्षित वर्ग एस.सी./एस.टी. के प्रतिनिधि नियुक्त किये जाते है। ओ.बी.सी. वर्ग का प्रतिनिधि न होने के कारण रिसर्च प्रपोजल व साक्षात्कार में जानबूझकर कम अंक दिये जाते है और उन्हें मेरिट से बाहर कर दिया जाता है। अतः ओ.बी.सी. वर्ग के लिए प्रतिनिधि नियुक्त किया जाएं।
2- पीएचडी प्रवेश परीक्षा में लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार की प्रक्रिया में छात्र-छात्राओं के नाम तथा उनके श्रेणी का उपयोग होता है, जिससे भेदभाव होता है और परीक्षकगण कम अंक देते हैं,जबकि ओ.बी.सी. छात्र-छात्राओं के डिग्री पाठ्यक्रमों के कुल अंको का योग सर्वाधिक या फिर सामान्य वर्ग के छात्र-छात्रों से अधिक होता है। रिसर्च प्रपोजल और साक्षत्कार में कम अंक दिए जाने के वजह से डिग्री पाठ्यक्रमों में अन्य छात्रों की तुलना में ओ.बी.सी. वर्ग के ज्यादा अंक होते हुए भी ओ.बी.सी. वर्ग के छात्र मेरिट से बाहर हो जाते है। अतः नाम के स्थान पर अनुक्रमांक और कूट संख्या का प्रयोग किया जाए।
3- विश्वविद्यालय के किसी भी पाठ्यक्रम में पढ़ने वाले ओ.बी.सी. वर्ग के छात्र-छात्राओं को छात्रवासों में आरक्षण की सुविधा नहीं दी जाती है। अतः प्रत्येक पाठ्यक्रम में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के लिए सविंधान प्रदत्त 27% आरक्षण अविलंब लागू किया जाय।
4- विश्वविद्यालय की सभी कमिटियों में ओ.बी.सी. का प्रतिनिधि अविलंब नियुक्त किया जाय।
बीएचयू परिसर में भ्रमण करते ओबीसी छात्र
इन मांगों को पीएम के संज्ञाम में लाने के लिए वो गुरुवार को प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें विश्वविद्यालय सिंह द्वार पर ही रोक दिया। इस पर विश्वविद्यालय के ओबीसी छात्रों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसीएम तृतीय को सौंपा। इसके बाद छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार से होते हुए सभी विभागों से गुजरकर सेंट्रल आफिस तक मार्च निकाला। केंद्रीय कार्यालय पहुंच कर वे धरने पर बैठ गए। उन्होने विश्वविद्यालय के जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों को 20 फरवरी तक की मोहलत दी है। चेताया है कि मांग पूरी न होने पर 23 फरवरी का पुनः आंदोलन किया जाएगा।
बीएचयू परिसर में भ्रमण करते ओबीसी छात्र
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