विश्वविद्यालय के ब्रजनाथ छात्रावास में रहने वाले शोध छात्र अरुण चौबे ने लंका थाने में तहरीर दे कर जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। उसका कहना है कि वह शनिवार को साथियों संग जा रहा था, तभी समाजविज्ञान संकाय के समीप मैत्री जलपान गृह के सामने कुछ अज्ञात लोगों ने घेरा, जान से मारने की धमकी दी। कहा कि हम लोगो को बीएचयू परिसर में लाल सलाम का परचम लहराना है।
ये भी पढें-07 दिन बीत गए नहीं पता चला BHU के छात्र वैभव का, माता की हालत खराब, पिता चीफ प्रॉक्टर के व्यवहार से आहत बता दें कि तमाम कोशिश के बावजूद विश्वविद्यालय परिसर शांत नहीं हो पा रहा। पिछले दिनों हुई कार दुर्घटना के बाद परिसर की नाकेबंदी कर दी गई। तमाम तरह के इंतजाम किए गए। लेकिन कोई फायदा नहीं। परिसर में छात्रावास के गेट पर छात्र को गोलियों से भून दिया जाता है, हमलावर मौके से भाग निकलते हैं, किसी का लंबे समय तक सुराग नहीं लगता। एक छात्र लापता हो जाता है उसका पांच महीने बाद भी पता नहीं चलता है। कभी दलित छात्रा से शौचालय साफ कराया जाता है तो कभी दलित छात्रा को शौचालय में जाने से रोका जाता है।
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परिसर की इस ताजा घटना में लाल सलाम का जिक्र हुआ है, अन्यथा अब तक आरोप लगता रहा है कि परिसर का भगवाकरण कर दिया गया है। छात्र-छात्राओं का आरोप था कि एक खास विचारधारा के लोग दूसरी विचारधारा के लोगों पर लगातार अत्याचार करते आ रहे हैं। इसमें विद्यार्थी परिषद, आरएसएस का जिक्र हमेशा होता रहा है। हालांकि एक वाकया सितंबर 2017 का भी है जब छात्राएं छेड़खानी के विरोध में गेट पर धरना दे रही थीं और रात में अचानक आगजनी, लाठीचार्ज हो गया। तब विश्वविद्यालय प्रशासन खास तौर पर पूर्व चीफ प्रॉक्टर ने आरोप लगाया था कि विश्वविद्यालय में हिंसा, आगजनी बाहरी लोगों के द्वारा कराई गई थी उसमें वामपंथी विचारधारा का भी जिक्र किया गया था। यहां तक कहा गया कि कुछ छात्र महामना की मूर्ति पर कालिख पोतने चढ रहे थे। इसका कड़ा प्रतिकार भी हुआ था।