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BHU की ये तकनीकी दुनियां के लिए बन सकती है वरदान

locationवाराणसीPublished: May 04, 2020 07:54:35 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

पहले ही बताएगी किस कोरोना मरीज को कब पड़ेगी वेंटीलेटर की जरूरत

BHU की ये तकनीकी दुनियां के लिए बन सकती है वरदान

BHU की ये तकनीकी दुनियां के लिए बन सकती है वरदान

वाराणसी. बीएचयू के दो संस्थान आईआईटी और आईएमएस के वैज्ञानिकों ने मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक बड़ी तकनीकी ईजात किया है। दवा किया गया है कि इसके जरिये यह पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा की मरीज को वेंटीलेटर की आवश्यकता है या नहीं।

बतादें की कुछ समय पहले ही आईआईटी और आईएमएस के छात्रों ने मिलकर स्टार्टअप मेडिपॉर्ट, पर काम शुरु किया था। जिसका उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस/मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों की मदद से चिकित्सा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने का था। इधर कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ा तो मेडिपार्ट के सीईओ शुभम जैन अमन देव गिरीश श्रीनिवास, जय धनवंत, मंथन जैन आदि ने इस पर युद्ध स्तर पर काम किया। इन्होंने फोकस किया की इस महामारी से दुनियां को राहत पहुचाने के लिए ये तकनीक कैसे कारगर हो सकती है।

आईआईटी बीएचयू और आईएमएस ने जानकारी दिया की कोरोना संकट और वेंटिलेटर की कमी को देखते हुए मेडिपॉर्ट से जुड़े हमारे वैज्ञानिकों ने इटली, स्पेन जैसे देशों के मरीजों के डाटा का अध्ययन किया और एआई तकनीक के माध्यम से एक मॉडल विकसित किया। जिससे कोरोना संक्रमित को भविष्य में वेंटिलेटर की ज़रूरत पड़ने का अंदाजा लगाया जा सके। दावा किया गया है की यह पूर्णतः निःशुल्क वेंटिलेटर प्रेडिक्टर कोरोना से जंग में देश और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

अमेरिकी कम्पनी ने भी किया किया इस पर शोध

संस्थान के पुरातन छात्रों के सहयोग से अमेरिकी कंपनी फेनो एमएक्स एवं साउथ कोरियाई अस्पतालों के साथ संयुक्त शोध भी हुआ पश्चात मेडिपॉर्ट द्वारा तैयार प्रोटोटाइप मरीजों की जांच रिपोर्ट्स को स्मार्ट बनाकर उसके विश्लेषण को चिकित्सक एवं रोगी दोनो के लिए आसान करने का कार्य करेगा।

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