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बीएचयू के वैज्ञानिक दुनिया को देंगे कैंसर की सबसे सस्ती दवा, नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट

locationवाराणसीPublished: Apr 22, 2022 01:23:41 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इन दिनों एक ऐसे रोग की किफायती और साइड इफेक्ट रहित ऐसी दवा इजाद करने में जुटे हैं जो दुनिया भर के लोगों के काम आएगी। ये दवा है कैंसर की। ये दवा बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक तैयार कर रहे हैं। इसका पहला चरण पूरा हो चुका है, अब मानव शरीर पर क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी है।

बीएचयू के वैज्ञानिक दुनिया को देंगे कैंसर की सबसे सस्ती दवा, इसका नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट

बीएचयू के वैज्ञानिक दुनिया को देंगे कैंसर की सबसे सस्ती दवा, इसका नहीं होगा कोई साइड इफेक्ट

वाराणसी. कैंसर, जानलेवा बीमारी जिसका नाम सुनते ही न केवल रोगी बल्कि उसका पूरा परिवार और मित्रगणों के भी होश उड़ जाते हैं। एक तो खतरनाक बीमारी ऊपर से महंगा इलाज। घर-द्वार, जेवर तक बिक जाते हैं इलाज में फिर भी यह तय नहीं कि रोग से मुक्ति मिलेगी या नहीं। लेकिन ये बहुत दिनों तक नहीं चलने वाला। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कैंसर की ऐसी दवा खोज निकाली है जो किफायती भी होगी और उसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होगा। पूर्ण रूप से ये प्राकृतिक दवा होगी।
फिलहाल महंगा है कैंसर का इलाज और साइड इफेक्ट भी ज्यादा

फिलहाल तो कैंसर का इलाज काफी महंगा है। सबके बस की बात भी नहीं कि इसका समुचित इलाज करा सकें। इसके लिए घर से लेकर जेवर तक बेचने की नौबत आ जाती है। यही नहीं जो दवाएं हैं कैंसर के इलाज की या जो थेरेपी है उसका साइड इफेक्ट भी ज्यादा है। कीमो ही कराने चलें तो सबसे पहले सिर के बाल गायब हो जाते हैं। ये वो साइड इफेक्ट है जो सबको दिखता है। रोगी जो महसूस करता है वो अलग। ऐसे में बीएचयू के वैज्ञानिकों की यह दवा दुनिया भर के कैंसर मरीजों के लिए लाभकारी होगी। ऐसा दावा किया जा रहा है।
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बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने किया है शोध

बीएचयू के जंतु विज्ञान विभाग के प्रो अजय कुमार, और प्रो प्रदीप कुमार की टीम ने कैंसर की सबसे किफायदी और बिना साइड इफेक्ट वाली दवा का इजाद किया है। इसका चूहों पर प्रयोग सफल रहा है। अब मानव शरीर पर क्लिनिकल ट्रायल की तैयारी है।
नीम के फूलों में पाए जाने वाले निम्बोलाइड्स से बनेगी ये दवा

जंतु विज्ञान विभाग के प्र अजय कुमार ने बताया कि यह दवा नीम के फूलों में पाई जाने वाली निम्बोलाइड्स से बनाई जाएगी। रिचर्स टीम ने इन्ही फूलों में पाए जाने वाले निम्बोलाइड्स को चूहों में इंजेक्ट किया जिसका महीने भर में ही बेहतर नतीजा सामने आया। बताया कि जिन चूहों में निम्बोलायड रहा उनकी मौत नहीं हुई जबकि जिन चूहों को हम कीमोथेरेपी दे रहे थे उनकी 20-25 दिनों में ही मौत हो गई।
निम्बोलाइड्स से कोई साइडइफेक्ट नहीं
उन्होंने बताया कि नीम की पत्ती और उनके फूलों में पाए जाने वाले निम्बोलाइड्स में किसी तरह का साइडइफेक्ट नहीं होता। आम तौर पर कई बीमारियों में नीम की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है। इस शोध में भी ऐसा ही पाया गया है, जिन चूहों पर नीम के फूलों वाले निम्बोलाइड्स का प्रयोग किया गया उन्हें कोई साइडइफेक्ट नहीं हुआ, जबकि नॉर्मल चूहे जिन्हें कीमो थैरेपी दी जा रही थी उनकी किडनी और दूसरे अंग प्रभावित हो गए।
मानव शरीर पर प्रयोग की तैयारी शुरू

प्रो अजय ने बताया कि चूहों पर इसके सफल परीक्षण के बाद, टीम मानव शरीर पर इसका ट्रायल करेगी। इसके लिए टीम ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि इसकी प्रकिया थोड़ी जटिल है। बावजूद इसके सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इसके सफल ट्रायल के बाद नीम की पत्तियों और फूलों से बीएचयू, कैंसर की सबसे किफायती और साइड इफेक्टरहित दवा तैयार कर लेगा। उन्होंने बताया कि यह शोध अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय जनरल, “एनवायरनमेंट टास्कइकोलॉजी” में प्रकाशित हो चुका है।

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