50 हजार रुपये एडवांस बीएचयू की बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा जूली कुमारी पटना के संदलपुर वैष्णवी कॉलोनी की रहने वाली है। जूली के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उसके पिता पटना में सब्जी बेचते हैं। इसी का फायदा उठाकर सॉल्वर गैंग ने जूली की मां बबिता से संपर्क किया और पांच लाख रुपए का लालच दिया। कहा कि अगर तुम्हारी बेटी हमारी कैंडिडेट की जगह बैठ कर परीक्षा दे देगी तो सेंटर से बाहर निकलते ही पांच लाख रुपए थमा दिए जाएंगे। 50 हजार एडवांस भी मिल गया था। इसके बाद सारनाथ स्थित सेंट फ्रांसिस जेवियर स्कूल में बनाए गए सेंटर में रविवार को आयोजित नीट-यूजी में बबिता अपनी बेटी जूली को लेकर गई।
केजीएमयू के डॉक्टर की अहम भूमिका कक्ष निरीक्षकों को जूली पर शक हुआ तो सूचना पुलिस को दी गई। सूचना के आधार पर शाम के समय क्राइम ब्रांच प्रभारी अंजनी कुमार पांडेय अपनी टीम के साथ गए और जूली से पूछताछ की तो उसका फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। जूली के साथ ही उसकी मां भी पकड़ ली गई। बबिता के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाली गई तो दो दलालों का पता लगा। गैंग का मास्टरमाइंड पटना का रहने वाला पीके है। गैंग में केजीएमयू का एक डॉक्टर भी शामिल है। जिसकी अहम भूमिका बताई जा रही है। गैंग का नेटवर्क पूर्वोत्तर राज्यों तक फैला है।