दरअसल ये शोध छात्र हैं जिन्हें पीएचडी में रजिस्ट्रेशन कराना है। बता दें कि अब पीएचडी में रजिस्ट्रेशन के लिए भी प्रवेश परीक्षा और साक्षात्कार की व्यवस्था की गई है। ये छात्र इस व्यवस्था को लेकर नाराज हैं। ये इस व्यवस्था में परिवर्तन चाहते हैं। इनका कहना है कि बीएचयू में पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है। खास तौर पर साक्षात्कार के वक्त। प्रोफेसर पहले से शोध छात्रों को अपना गुलाम बना कर उसने मजूरी कराने की तैयारी कर लेते हैं। वो इसका विरोध कर रहे हैं।
शोध छात्रों का कहना है कि वो जब कुलपति से इस संबंध में मिले तो उन्होंने भी अनियमितता से सहमति जताई। लेकिन सुधार के लिए महज आश्वाशन दिया। इन छात्रों की मांग है कि शोध के लिए रजिस्ट्रेशन मेरिट के आधार पर हो। लिखित परीक्षा जो ली जाती है उसमें पाए नंबरों को आधार बनाया जाए न कि साक्षात्कार को प्राथमिकता दी जाए।