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अध्यापक के हमलावारों की गिरफ्तारी के लिए शिक्षकों व छात्रों ने निकाला आक्रोश मार्च

बीएचयू के संस्कृत विद्या धम्र विज्ञान संकाय का मामला, थाने पर ज्ञापन देने के बाद जांच के लिए परिसर पहुंची पुलिस

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वाराणसी. बीएचयू के संस्कृत धर्म विद्या संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर डा.शांति लाल सालवी पर अपशब्द कहने व मारने के लिए दौड़ाने प्रकरण ने अब तूल पकड़ लिया है। बुधवार को शिक्षक व छात्रों ने सिंह द्वार से लंका थाने तक आक्रोश मार्च निकाला कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शिक्षकों ने एसएसपी के नाम का ज्ञापन भी थाने में सौपा। आक्रोश मार्च के कुछ देर बाद भारी संकाय में पुसिल फोर्स संकाय में पहुंची और मामले की जांच की।
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संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय इन दिनों डा.फिरोज प्रकरण को लेकर सुर्खियों में चल रहा था। डा.फिरोज की नियुक्ति का विरोध कर रहे छात्रों ने काफी दिनों तक आंदोलन किया था। प्रो.शांति लाल सालवी का आरोप है कि जब वह विभाग जा रहे थे तो कुछ छात्रों ने उनसे अपशब्द कहे और मारने के लिए दौड़ाया भी थी। शिक्षक ने इस मामले में कुछ छात्रों के खिलाफ लंका थाने में तहरीर दी थी जिस पर पुलिस ने तुंरत ही मुकदमा दर्ज किया था। आक्रोश मार्च में शामिल शिक्षक व छात्रों का आरोप है कि परिसर में पिछड़े वर्ग व एससी और एसटी शिक्षक व छात्रों से अच्छा बर्ताव नहीं किया जाता है। प्रो. महेश प्रसाद अहिरवार ने कहा कि बीएचयू में अराजक तत्वों ने डा.साल्वी पर जानलेवा हमला किया था उसके खिलाफ आक्रोश मार्च निकाला गया है। बीएचयू में यह पहली घटना नहीं है। लगातार आरक्षित वर्ग पर हमले किये जा रहे हैं। हाल में डा.फिरोज खान का मुस्लिम होने के नाम पर विरोध किया जा रहा था और उनके समर्थन के नाम पर अध्यापक पर हमला किया गया था। शिक्षक का आरोप था कि घटना को बीते तीन दिन हो चुके हैं लेकिन आरोपियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गयी। मार्च के बाद परिसर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की।
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