एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक में दी मंजूरी दरअसल बीएचयू में छेड़खानी के बाद लाठीचार्च के बीच मचे बवाल के बीच दिल्ली में एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक मंगलवार यानि (26 सितंबर) को थी। बताया जा रहा है कि इसी बैठक में वीसी ने बीएचयू में कई पदों पर नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है।
कार्यकाल खत्म होने से दो माह पहले तक ही नियुक्ति का अधिकार बतादें बीएचयू के वीसी का कार्यकाल 27 नवबंर 2017 को समाप्त हो रहा है। मानव संसाधन मंत्रालय के आदेश के अनुसार केंद्रीय विश्वविद्यालयों के वीसी अपने कार्यकाल के आखिरी दो महीनों में कोई भी नियुक्ति नहीं कर सकते। ये अधिकार समाप्त होने से पहले ही वीसी ने कई नियुक्तियों को संस्तुति दे दी।
अब इस नियुक्ति को लेकर उठ रहा विवाद अब जीसी त्रिपाठी ने ओपी उपाध्याय को बीएचयू परिसर में स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल का मेडिकल सुपरिटेंडेंट नियुक्त किया है। जिसके बाद इसे लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सवाल इस बात को लेकर उठ रहा है कि फिजी की एक अदालत उपाध्याय को यौन उत्पीड़न का दोषी करार दे चुकी है। सूत्रों की मानें तो ईसी की बैठक में एक सदस्य ने कहा कि वीसी त्रिपाठी उपाध्याय के खिलाफ जाँच कराने के बजाय उनकी नियुक्ति को नियमित करने की सिफारिश कर रहे हैं। हालांकि सूत्रों की मानें तो उपाध्याय के अलावा और किसी भी नियुक्ति को लेकर विवाद नहीं हुआ।
फिजी की अदालत ने सात साल की सजा सुनाई थी बीएचयू में स्टूडेंट हेल्थ सेंटर के प्रमुख रहने के दौरान उपाध्याय फिजी गये थे। बताया जाता है कि फिजी की एक महिला ने इनपर यौन शोषण का आरोप लगाया। जिसके बाद अदालत ने उपाध्याय को सात साल की सजा सुनाई। सजा होते ही उपाध्याय फिजी छोड़कर वापस भारत आ गये। वो फिर से बीएचयू में सर सुंदर अस्पताल के स्टूडेंट हेल्थ के प्रमुख बना दिये गए थे।
सात लोगों की आंखों की रोशनी गई तो उपाध्याय को मिला था प्रभार बतादें कि साल भर पहले बीएचयू में आंखो के आपरेशन के बाद सात लोगों के आंखों की रोशनी चली गई थी। जिसके बाद तत्तकालीन सुपरिटेंडेंट केके गुप्ता को हटाकर सुपरिटेंडेंट का प्रभार ओपी उपाध्याय को दे दिया गया था। अब एक्जिक्यूटिव काउंसिल की बैठक कुलपति ने ओपी उपाध्याय के नाम पर मुहर लगाते हुए इन्हे यूनिवर्सिटी अस्पताल का प्रमुख बना दिया है।