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बीएचयू बवाल के चलते पीएम मोदी को बदलना पड़ा था रास्ता, उसके बाद भी नहीं सुधरी स्थिति

locationवाराणसीPublished: Sep 24, 2017 03:00:01 pm

Submitted by:

Devesh Singh

परिसर में लगातार अराजक हो रही स्थिति को रोकेन में विश्वविद्यालय प्रशासन नाकाम, जानिए क्या है कहानी

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वाराणसी. बीएचयू प्रशासन की लापरवाही के चलते ही परिसर का माहौल खराब हुआ है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी नहीं सोचा कि देश के पीएम व काशी के सांसद नरेन्द्र मोदी खुद शहर में है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके बाद भी नाराज छात्राओं की समस्या का समाधान नहीं किया। विश्वविद्यालय प्रशाासन के चलते पीएम नरेन्द्र मोदी को शक्ति की अराधना करने के लिए दूसरे रास्ते का प्रयोग करना पड़ा। यह रास्ता खराब होने के साथ अंधेरा वाला था।
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्राओं से वार्ता करने के लिए कई वरिष्ठ अध्यापकों को भेजा था, लेकिन वह नाराज छात्राओं को समझा नहीं पाये थे। बीएचयू वीसी ने भी छात्राओं के प्रतिनिधिमंडल से वार्ता नहीं की थी। बीएचयू वीसी प्रो.जीसी त्रिपाठी ने छात्राओं के आंदोलन के पीछे परिसर राजनीति को जिम्मेदार ठहराया था। बीएचयू के वीसी ने आंदोलनरत छात्राओं से मिलना भी मुनासिब नहीं समझा था, यदि छात्र व छात्राओं के अभिभावक बन कर बीएचयू के वीसी जाते तो परिसर का यह हाल नहीं होगा। सबसे खास बात है कि २२ सितम्बर को पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यपाल राम नाइक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शहर में रुके हुए थे इसके बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन सार्थक वार्ता करके आंदोलन समाप्त नहीं करा पाया।
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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में जल रही है अराजकता की आग
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में काफी समय से अराजकता की आग जल रही है। कभी छात्र गुटों में भिडंत हो जाती है तो कभी छात्र व डाक्टरों के विवाद में ओपीडी ठप होती है। परिसर में हो रही नियुक्ति पर हमेशा से ही सवाल उठते रहते हैं। आम तौर पर छात्राएं शांत रहती है, लेकिन इस बार छात्राओं ने भी छेडख़ानी से अजीज आकर मोर्चा खोल दिया है। दो दिन से मुठ्ठी बंद करसंयम बरत रही पुलिस ने लाठी चलायी तो परिसर जल उठा। फिलहाल परिसर को बंद कर दिया गया है और तनावपूर्ण स्थिति के बीच शांति कायम है, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की जो कार्यशैली है उससे यह कहना कठिन होगा कि आने वाले समय परिसर का माहौल फिर नहीं बिगड़ेगा।
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