विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान में स्थापित डीएसटी-महामना जलवायु परिवर्तन उत्कृष्ठ शोध केंद्र में हाई परफारमेन्स कम्प्यूटर (सुपर कम्प्यूटर) प्रयोगशाला का लाभ शोधकर्ताओं किसानों उद्यमियों तथा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के साथ-साथ आम जन को मिलना आरम्भ हो गया। इस सुपर कम्प्यूटर की स्पीड 50 टेराफ्लाप्स से अधिक है। इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन केन्द्र, हाई पावर कम्प्यूटर तथा केन्द्र की वेवसाइट का भी विमोचन हुआ।
डीएसटी-महामना जलवायु परिवर्तन उत्कृष्ठ शोध केंद्र के समन्वयक एवं प्रधान अन्वेषक प्रो आरके मल्ल ने बताया कि हाई परफारमेन्स कंप्यूटर फेसिलिटी (सुपर कंप्यूटर) के जरिए अनेक क्षेत्रों में लाभ मिलेगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में संचालित हो रही इस सुविधा से तीन से चार दिन तक का सही मौसम पूर्वानुमान तथा आगामी 100 वर्षों तक के जलवायु परिवर्तन की सटीक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इसके चलते, कृषि, उद्योग प्रबन्धन, आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के साथ-साथ कृषि, स्वास्थ्य एवं जल आदि पर छात्र-छात्राओं को उच्चानुशीलन शोध में सहायता मिलेगी।
बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय भारत का पहला विश्वविद्यालय है जहां पर भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन केंद्र स्थापित करने की संस्तुति दी है, जबकि देश के अन्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में जलवायु परिवर्तन केंद्र स्थापित किए गए है। बीएचयू में यह केंद्र जुलाई 2017 से संचालित हो रहा है।
बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय भारत का पहला विश्वविद्यालय है जहां पर भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जलवायु परिवर्तन केंद्र स्थापित करने की संस्तुति दी है, जबकि देश के अन्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में जलवायु परिवर्तन केंद्र स्थापित किए गए है। बीएचयू में यह केंद्र जुलाई 2017 से संचालित हो रहा है।
सुपर कंप्यूटर प्रणाली के लांचिग के मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डॉ मंगला राय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई दिल्ली भारत सरकार के प्रमुख जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम डॉ अखिलेश गुप्ता एवं डॉ केके सिंह भारत मौसम विभाग प्रमुख कृषि मौसम सेवाएं नई दिल्ली, प्रो अनिल गुप्ता पूर्व निदेशक वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून, डॉ अनिल गुप्ता राष्ट्रीय आपदा संस्थान आदि उपस्थित रहे। स्वगत संस्थान के निदेशक प्रो एएस रघुवंशी ने किया जबकि डीन प्रो जीएस सिंह ने आभार जताया।