एकेडमिक काउंसिल में पास हुए कई मसले कुलपति प्रो. एके त्यागी की अध्यक्षता में हुई काशी विद्यापीठ विद्या परिषद (एकेडमिक काउंसिल) की बैठक में छात्रहित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इन सभी मुद्दों पर अब 5 मई को होने वाली कार्य परिषद की बैठक में अंतिम मुहर लगेगी। विद्या परिषद के निर्णय के अनुसार विश्वविद्यालय में नए सत्र से एमएससी (बायोडाटा एनालिटिक्स), बीटेक (कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग) तथा अपग्रेडेशन ऑफ फैकल्टीज ऑफ एक्जिसटिंग डिपार्टमेंट का कोर्स शुरू होगा। इन सभी नए पाठ्यक्रम के बाबत विद्यापीठ प्रशासन पहले ही ने इसका प्रस्ताव शासन को भेज चुका है। जानकारी के मुताबिक ये तीनों नए कोर्स सांख्यिकी विभाग में संचालित होंगे।
इन नए पाठ्यक्रम के भी शुरू करने की कवायद इस बीच महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के मंचकला विभाग की ओर से तीन वर्षीय तबला डिग्री पाठ्यक्रम, ललित कला विभाग में बैचलर आफ फैशन डिजाइनिंग पाठ्यक्रम और ड्रामा में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को भी शुरू करने पर विचार किया गया। साथ ही एनटीपीसी परिसर में नए सत्र से बीसीए और संत कीनाराम स्नातकोत्तर महाविद्यालय सोनभद्र में भारतेंदु चेयर की स्थापना करने का फैसला हुआ। इसके अलावा स्नातकोत्तर में भी नई शिक्षा नीति को लागू करने पर सहमति बनी। बैठक में कुलसचिव डॉ. सुनीता पांडेय समेत सभी सदस्य मौजूद रहे।
इन कॉलेजों में कोर्स वर्क केंद्र काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ज्ञानपुर और पं. कमलापति त्रिपाठी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंदौली व राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा को पीएचडी कोर्स वर्क केंद्र बनाने पर सहमति बन गई।
ललितकला विभाग से संबद्ध होगा नाट्यकला
नाट्यकला के पाठ्यक्रमों को ललितकला विभाग में संबद्ध करने पर विचार किया गया। अब यह नाट्यकला के पाठ्यक्रम ललितकला विभाग में संचालित होंगे। मानविकी संकाय में शामिल होगा बीए व एमए शिक्षाशास्त्र
एमए शिक्षाशास्त्र को शिक्षाशास्त्र संकाय से हटाकर दोबारा मानविकी संकाय में करने पर विचार किया गया।