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केंद्र सरकार के इस फैसले से वाराणसी के युवा मतदाता नाराज, भाजपा और विद्यार्थी परिषद के कुछ नेता भी चला रहे मुहिम

locationवाराणसीPublished: Mar 14, 2019 04:45:37 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

सवर्ण यूथ का फोकस नोटा की ओर। चला रहे अभियान। सोशल मीडिया पर जोड़ा ज रहा यूथ्स को।

BJP

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वाराणसी. केंद्र सरकार के हालिया फैसले से युवाओं में काफी रोष है। उनका कहना है कि रोज-रोज संविधान में संशोधन, अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने लोगों को जातियों में बांटने का प्रयास किया। यहां तक कि ठीक चुनाव अधिसूचना जारी होने से पहले एक ऐसा अध्यादेश जारी किया है जिससे देश के बड़े तबके के युवाओं का नुकासन होगा। लिहाजा हम इसका विरोध करते हैं। इस मामले में बीएचयू के युवाओं ने 15 मार्च को जिले के सभी शिक्षण संस्थान बंद कराने का फैसला किया है। उधर बीजेपी से जुड़े लोग भी केंद्र के इस फैसले से खासे नाराज हैं। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर एक तरह से जंग छेड़ दी है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पहले 200 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर 13 प्वाइंट रोस्टर लागू किया था। इसके तहत सरकारी नौकरकियों में सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना था। लेकिन जब बड़े पैमाने पर अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों ने इसका विरोध शुरू किया तो पार्टी को लगा कि लोकसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है। ऐसे में पार्टी ने अध्यादेश ला कर 13 प्वाइंट रोस्टर को खत्म कर फिर से 200 प्वाइंट रोस्टर लागू कर दिया।
अब सरकार के इस अध्यादेश से सवर्ण युवा काफी खफा है। उसे लग रहा है कि इससे उनकी उम्मीदो को झटका लगा है। उनके लिए नौकरियों को रास्ते बंद हो जाएंगे। ऐसे में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सवर्ण छात्रों ने बैठक कर अध्यादेश का विरोध करने का फैसला लिया। तय किया कि इस अध्यादेश के विरुद्ध 15 मार्च को सभी शिक्षण संस्थाओं को बंद कराया जाएगा। इसके तहत 200 प्वाइंट के विरोध के लिए शुक्रवार को 10 बजे सभी युवा विश्वनाथ मंदिर परिसर में एकत्र होंगे। इन युवाओं ने विश्वविद्यालय परिसर में 200 प्वाइंट रोस्टर के विरोध में पर्चे भी बांटे। बता दें कि इन युवाओं में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जुड़े छात्र भी शामिल हैं।
बैठक में डॉ ज्ञान प्रकाश मिश्र, डॉ शरद शर्मा, विवेकानंद तिवारी, शुभम तिवारी, आनंद मोहन झा, विष्णु प्रताप सिंह, विकास राय आदि मौजूद थे।

उधर बीजेपी के पदाधिकारी रहे लोग भी इस अध्यादेश के विरोध में हैं। उन्होंने इस अध्यादेश के विरोध में नोटा का प्रचार करना शुरूर कर दिया है। इसके लिए सोशल मीडिया पर जोर-शोर से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। लोगों को जोड़ा जा रहा है। फेसबुक और ह्वाट्सएप के जरिए सवर्ण युवाओं से अपील की जा रही है।
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