इसमें महराजगंज गोरखपुर बहराइच बलरामपुर गोंडा और कानपुर जिले के दलित और पिछड़े वर्ग के भी सांसद हैं, जिनकी संख्या करीब पांच है। गठबंधन से घबराई भाजपा 2019 के लोकसभा चुनाव में अपने मौजूदा कई सांसदों का टिकट काट कर नए चेहरों पर दांव आजमाना चाह रही है। चर्चा यह भी है कि, जंदमबिका पाल बीजेपी छोड़ कहीं और ठिकाने की तलाश में हैं। इसी के साथ कुछ ऐसे भी सांसद हैं जिनका रिपोर्ट कार्ड खराब नहीं है, लेकिन वे दूसरे दलों से आए हुए लोग हैं और इनसे पार्टी की विचारधारा मेल नही खा रही इसलिए पार्टी इन सांसदों से भी छुटकारा पाना चाह रही है।
इसमें डुमरियागंज के सांसद जगदंबिका पाल और बहराइच की सांसद ज्योतिबा फूले बाई का नाम चर्चा में है। जगदंबिकापाल कांग्रेसी रहे हैं। भाजपा के अधिकृत सूचना के अनुसार यूपी के 19 सांसदों के टिकट पर ग्रहण के बादल छाए हुए हैं, जबकि हकीकत इसके इतर है। यूपी के दो दर्जन भाजपा सांसद पार्टी हाईकमान के निशाने पर हैं।
खराब रिपोर्ट कार्ड के बहाने भाजपा ना पसंद सवर्ण सांसदों का टिकट काट सकती है, लेकिन दलित और पिछड़े वर्ग के सांसदों का टिकट काटने में उसे सौ बार सोचना होगा। वहीं कथित रिपोर्ट कार्ड के आधार पर दूसरे दलों से आए सवर्ण सांसदों के टिकट पर ग्रहण लगा हुआ है। इनमें डुमरियागंज सहित कैसरगंज गोंडा कानपुर सहित अन्य जिलों के सवर्ण सांसदों का नाम चर्चा में है। जिन सांसदों को अपना टिकट कटने की भनक लग गई है वे अभी से नए ठौर की तलाश में लग गए हैं। भाजपा के अंदरखाने की खबर यह है कि चुनाव करीब आते-आते यूपी के एक दर्जन ऐसे सांसद पार्टी त्याग सकते हैं जो अपने दम पर लोकसभा में पहुंचने का मुद्दा रखते हैं।