पीएम नरेन्द्र मोदी ने आठ नवम्बर २०१६ को रात में आठ बजे से ५०० व १००० रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था। पीएम मोदी ने रात १२ बजे के बाद से इन नोटों को चलन से बाहर करने का आदेश दिया था। बुधवार को नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर बीजेपी ने जश्र का कार्यक्रम आयोजन किया था। कार्यकर्ताओं ने केक काट कर एक-दूसरे को बधाई दी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि देश के पीएम व काशी के सांसद ने देश के उज्जवल भविष्य के लिए नोटबंदी की थी। जनता ने नोटबंदी को अपना समर्थन दिया था, जिसके चलते ही यह किसी प्रकार की समस्या नहीं हुई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि नोटबंदी करने के बाद से व्यवस्था में पारदर्शिता आयी है और ब्लैकमनी रखने वाले सबसे अधिक परेशान है।
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वाट्सऐप व फेसबुक पर छायी रही नोटबंदी
वाट्सऐप व फेसबुक पर नोटबंदी ही छायी रही। दिन भर नोटबंदी से जुड़े मैसेज ही भेजे जाते रहे। कोई ५०० व १००० के नोट की प्रथम पुण्य तिथि मना रहा था तो कोई बैंक व एटीएम के बाहर लाइन की फोटो भेज रहा था। नोटबंदी के दौरान बनारस में भी कैश की भारी कमी हो गयी थी और लोगों को रात में भी घंटों लाइन लगा कर पैसों का जुगाड़ करना पड़ रहा था।
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नोटबंदी के बाद हुए चुनाव में बनारस में बीजेपी को मिली शानदार जीत
पीएम मोदी के नोटबंदी का सबसे बड़ा इम्तिहान यूपी चुनाव २०१७ था। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों पर सबकी निगाहे थी। माना जा रहा था कि नोटबंदी से नाराज जनता बीजेपी को इन सीटों पर हरा देगी। पीएम नरेन्द्र मोदी से लेकर अमित शाह तक को इस बात की चिंता था इसलिए खुद पीएम ने तीन दिन काशी में व्यापक चुनाव प्रचार किया था। चुनाव बाद आये परिणाम में बीजेपी को आठों विधानसभा सीट पर जीत मिली है, जिससे साफ हो गया था कि जनता का बड़ा वर्ग नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी के साथ है।
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