बीजेपी ने यूपी में मिशन 2019 को फतह करने की जिम्मेदारी मंत्रियों को भी सौंप दी है। कैबिनेट मंत्री को दो व राज्यमंत्री को एक लोकसभा क्षेत्र दिया गया है जहां पर उन्हें संगठन को मजबूत करना होगा। कैबिनेट व राज्यमंत्री को लगातार जिम्मेदारी सौंपे गये संसदीय क्षेत्र में जाना होगा और वहां पर लोकसभा संचालन समिति की बैठकों में भी भागीदारी करनी होगी। इसके अतिरिक्त बूथ की जानकारी लेने के साथ बूथ पुनर्गठन, बीजेपी के अभियानों की जानकारी, सदस्यता, मतदाता सूची पुनरीक्षण आदि की जानकारी लेकर मुख्यालय को रिपोर्ट भेजनी होगी। कैबिनेट व राज्यमंत्री से यह भी कहा गया है कि चुनाव के पहले तक बीजेपी जो अभियान चला रही है उसमे भी अपना पूरा सहयोग करना होगा। कैबिनेट व राज्यमंत्री को बूथ सेक्टर, मंडल, जिला व क्षेत्रीय स्तर की बैठकों में शामिल होकर सदस्यों की समस्या को भी जानना होगा। बीजेपी जल्द ही क्षेत्रीय स्तर व बूथ सम्मेलन की बैठक आयोजित करने वाली है, जिसमे खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भाग ले सकते हैं। बीजेपी के कैबिनेट मंत्री व राज्यमंत्रभ् को जल्द ही संसदीय क्षेत्र की सूची सौंप दी जायेगी। बीजेपी के संगठन महामंत्री सुनील बंसल व प्रदेश अध्यक्ष डा.महेन्द्र नाथ पांडेय के इस निर्देश से बीजेपी नेताओ में खलबली मची हुई है। अभी तक आराम से लखनऊ में मंत्री पद संभाल रहे नेताओं को फिर से चुनाव जीताने की जमीनी तैयारी करनी होगी।
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बीेजपी व संगठनों में है मतभेद, अब नहीं रहेगी दूरी
हाल में ही लखनऊ में अमित शाह ने बीजेपी नेताओं व संगठन से जुड़े लोगों के साथ बैठक की थी। बैठक में एक सबसे बड़ी बात सामने आयी थी कि बीजेपी व उससे जुड़े संगठनों में मतभेद है। इसके चलते कई समस्या आ रही है। मतभेद के चलते ही ब्यूरोक्रेसी भी हावी होती जा रही है। बीजेपी के मंत्री जब संसदीय क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुट जायेंगे तो उनके बीच मतभेद होगा भी तो वह खत्म हो जायेगा।
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हाल में ही लखनऊ में अमित शाह ने बीजेपी नेताओं व संगठन से जुड़े लोगों के साथ बैठक की थी। बैठक में एक सबसे बड़ी बात सामने आयी थी कि बीजेपी व उससे जुड़े संगठनों में मतभेद है। इसके चलते कई समस्या आ रही है। मतभेद के चलते ही ब्यूरोक्रेसी भी हावी होती जा रही है। बीजेपी के मंत्री जब संसदीय क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने की कवायद में जुट जायेंगे तो उनके बीच मतभेद होगा भी तो वह खत्म हो जायेगा।
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