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निकाय चुवावः चित्रकूट परिणाम से डरी BJP ने बदली रणनीति जानें क्या किया

locationवाराणसीPublished: Nov 15, 2017 12:39:02 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

जिला कमेटी ने घोषित की नई टीम, बनारस के साथ आसपास के तीन सांसद सहित 25 सदस्य टीम में शामिल।

बीजेेपी और पीएम मोदी

बीजेपी और पीएम मोदी

वाराणसी. चित्रकूट उपचुनाव परिणाम ने बीजेपी को सकते में डाल दिया है। उसे डर सताने लगा है कि कहीं निकाय चुनाव में भी उसका असर न पड़े। वैसे भी जिस तरह से नोटबंदी और जीएसटी ने आम आदमी की जेब पर प्रभाव डाला है उसे पार्टी नेतृत्व भले ही खारिज करे लेकिन आम कार्यकर्ता इस हकीत से रोजाना जूझ रहे हैं। ऐसे में विपक्ष कहीं ज्यादा हमलावर न हो और उसके तीखे हमले का प्रभाव मतदाताओं पर न पड़े इसलिए पार्टी ने फिर से निकाय चुनाव के लिए भी प्रधानमंत्री और वाराणसी के सांसद से निकाय चुनाव के लिए मदद मांगी है। यहां तक कि चुनाव संचालन समिति के अलावा एक और कमेटी गठित की गई है जिसमें प्रधानंत्री को शामिल किया गया है। इसे लेकर वाराणसी संसदीय क्षेत्र की राजनीतिक गलियारों में चर्चा गर्म हो गई है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव में भी प्रधानमंत्री अंतिम दौर में आए थे और तीन दिन यहां रुक कर चुनावी फ़िजा बदल दी थी। इसका परिणाम भी जबरदस्त रहा जब बीजेपी ने आठ की आठों सीटों पर जीत हासिल कर ली। ऐसे में अब उसी परिणाम को दोहराने के लिए पार्टी के रणनीतिकारों को एक बार फिर से प्रधानमंत्री और यहां के सांसद की याद आई है। आनन-फानन में पार्टी ने एक चुनाव प्रबंधन समिति गठित कर उसें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलवा चंदौली के सासद व प्रदेश अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय तथा मछलीशहर के सांसद राम चरित्र निषाद को शामिल कर लिया है। इन सबके अलवा शिवपुर विधानसभा के विधायक व होमगार्ड मंत्री अनिल राजभर के अलावा एमएलसी केदारनाथ सिंह को भी प्रमुखता से इस कमेटी में जगह दी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर प्रधानमंत्री सीधे तौर पर निकाय चुनाव से जुड़ते हैं तो भारतीय राजनीति में यह एक रिकार्ड होगा। अब तक कोई प्रधानमंत्री सीधे तौर पर निकाय चुनाव से नहीं जुड़ा है। भले ही पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने त्री स्तरीय लोकतंत्र की दमदार वकालत की। लेकिन निकाय चुनाव से वह भी सीधे तौर पर नहीं जुड़े। उसके बाद भी भले ही एनडीए सरकार ने त्री स्तरीय लोकतांत्रिक प्रणाली को लागू किया लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी निकाय चुनाव से दूर ही रहे। लेकिन अब जिस तरह से जिला अध्यश्र हंसराज विश्वकर्मा की ओर से जारी 25 सदस्यीय चुनाव प्रबंध समिति में प्रधानमंत्री को बतौर सांसद शामिल किया गया है वह चर्चा के केंद्र बिंदु में आ गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पंजाब उपचुनाव में मिली हार के बाद चित्रकूट की हार ने पार्टी को झकझोर कर रख दिया है। फिर जिन मुद्दों पर विपक्ष और खास तौर पर कांग्रेस हमलावर है उसे देखते हुए पार्टी हर कदम फूंक-फूंक कर रखना चाहती है। ऐसे में पार्टी ने अपने ट्रंप कार्ड यानी ब्रह्मास्त्र के रूप में प्रधानमंत्री की शरण ली है। जिला अध्यक्ष की ओर से गठित यह यह समिति पूरे चुनाव पर नजर रखेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि संगठन के निर्देशानुसार पीएम मोदी यह जिम्मेदारी तो निभाते हैं तो प्रचार के लिए खुद भी बनारस आएंगे।
इतना ही नहीं बीजेपी का डर इस कदर दिख रहा है कि पीएम के अलावा इस कमेटी में 25 लोगों को शामिल किया गया है जिसमें पीएम सहित तीन सांसद, प्रदेश सरकार के एक मंत्री और दो विधायक शामिल हैं। इसमें वाराणसी सांसद नरेंद्र मोदी, चंदौली सांसद डा. महेंद्रनाथ पांडेय, मछली शहर सांसद राम चरित्र निषाद, राज्य मंत्री अनिल राजभर, विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, अवधेश सिंह व नीलरतन पटेल, एमएलसी केदार सिंह के अलावा क्षेत्रीय अध्यक्ष लक्ष्मण आचार्य, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, पूर्व महापौर कौशलेंद सिंह, आरपी कुशवाहा नागेन्द्र रघुवंशी, राम प्रकाश दूबे, कमला राजभर, देवेन्द्र सिंह, आजाद सिंह गौतम, प्रह्लाद गुप्ता, प्रभात सिंह, राजेश राजभर, उमेश दत्त पाठक, रामदुलार सिंह, ललित त्रिपाठी के नाम हैं।
रामनगर में सभा करेंगे सीएम योगी

उधर नगर निगम तो दूर पार्टी ने रामनगर पालिका परिषद में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा कराने का फैसला किया है। सीएम 22 नवंबर को सबसे पहले रामनगर पालिका क्षेत्र में 36वीं वाहिनी पीएसी के समीप जीआइसी (राजकीय इंटर कालेज) के परिसर में सभा करेंगे। दरअसल बीजेपी के रणनीतिकारों को लग रहा है कि रामनगर कांग्रेस में इनदिनों काफी उठापटक का दौर चल रहा है। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की सभा के माध्यम से पार्टी को लाभ पहुंच सकता है।
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