बता दें कि हरहुआ ब्लाक में कुल 136 क्षेत्र पंचायत सदस्य हैं। इस ब्लाक में सपा की अर्चना मौर्या को ब्लाक प्रमुख चुना गया था। अर्चना सपा नेता अरविंद मौर्या की पत्नी हैं। यहां यह भी बता दें कि पंचायत चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त का समना करना पड़ा था। ग्राम प्रधान से लेकर क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत सदस्य से लगायत जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर तक उसे करारी शिकस्त हासिल हुई थी। अब जबकि प्रदेश में भी बीजेपी की सरकार है, पार्टी ग्रामीण क्षेत्रों में भी अपनी पैठ स्थापित करने में पार्टी के रणनीतिकार जुट गए हैं। इसी के तहत काशी विद्यापीठ ब्लाक प्रमुख को हटाने की साजिश रची गई जो कामयाब नहीं हो सकी। जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया लेकिन उसके लिए जिला प्रशासन द्वारा तय तिथि पर हुई वोटिंग के दौरान बीजेपी का कोई जिला पंचायत सदस्य उस बैठक में ही शरीक नहीं हुआ। नतीजतन जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव एकतरफा निरस्त हो गया। उसके बाद अब हरहुआ विकास खंड के प्रमुख पद पर कब्जा करने की रणनीति अख्तियार की गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को राइफल क्लब में बीजेपी के संतोष पटेल के नेतृत्व में 70 क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने अर्चना मौर्या के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वालों का आरोप है कि वर्तमान ब्लाक प्रमुख ने पिछले 14 महीने में ब्लाक की एक भी बैठक नहीं बुलाई। ऐसे में डीएम योगेश्वर राम मिश्र ने बीजेपी के क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव को लेते हुए, इस पूरे प्रकरण की जांच डीपीआरओ को सौंप दी है। अब डीपीआरओ की रिपोर्ट के आधार पर निर्वाचित क्षेत्र पंचायत सदस्यों के सदन में परेड होगी। वोटिंग होगी। उसके लिए डीएम द्वारा बहुमत साबित करने के लिए अर्चना मौर्या को मौका दिया जाएगा। ब्लाक की बैठक में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी।