वाराणसी

PM मोदी के क्षेत्र में बीजेपी को लगा बड़ा झटका, साझा विपक्ष ने मारी बाजी

लोकसभा या विधानसभा में भले बीजेपी अपना बहुमत साबित कर ले पर स्थानीय चुनावों में उसे लगातार लग रहा झटका

वाराणसीNov 17, 2019 / 12:35 pm

Ajay Chaturvedi

BJP

वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र, सारे विधानसभा सीटों पर बीजेपी का कब्जा, नगर निगम तक में बीजेपी का दबदबा। जिला पंचायत में भी सत्ताधारी दल ही है बीस। बावजूद इसके स्थानीय स्तर पर होने वाले चुनावों में बीजेपी को लगातार झटका लग रहा है। स्थानीय मुद्दों पर विपक्ष की एकता हर बार नजर आती है। इस बार भी पुरानी कहानी ही दोहराई गई।
अब नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव ही को लें तो यहां बहुत वाले सत्ताधारी दल को लगातार झटका लग रहा है। इस बार यानी शनिवार को हुए कार्यकारिणी चुनाव में भी बीजेपी की साझा विपक्ष के आगे एक नहीं चली। कार्यकारिणी के छह पदों के लिए शनिवार को हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को तीन पद पर ही सफलता मिल सकी। वहीं कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और निर्दल ने एक-एक सीट पर कब्जा जमा लिया।
हालांकि तय रणनीति के तहत भाजपा ने निर्दल पार्षद संतोष शर्मा को चौथे प्रत्याशी के रूप में खड़ा किया, लेकिन कांग्रेस, निर्दल और बसपा के पार्षदों की एकजुटता के आगे उसकी रणनीति सफल नहीं हुई। निर्दल पार्षद संतोष शर्मा को प्रथम वरीयता के सात सौ मत ही मिले।
एकल संक्रमणीय चुनाव पद्धति में कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम केशरी व सपा के मनोज यादव को बराबर सर्वाधिक 1600 मत मिले जबकि भाजपा के विजयश्री मौर्य और श्रीप्रकाश मौर्य को बराबर-बराबर 1400 मत और सुशील कुमार गुप्ता को 1300 मत मिले। निर्दल पार्षद बबलू शाह ने 1100 मत हासिल किए। चुनाव अधिकारी अपर नगर आयुक्त अजय कुमार सिंह ने बताया कि इस पद्धति से चुनाव में प्रथम वरीयता के एक मत का मूल्य 100 के बराबर होता है।
सुबह 10 मिनट की देरी से नगर निगम सदन की कार्यवाही शुरू हुई। इसके बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले भाजपा पार्षद दल के मुख्य सचेतक डॉ. रवींद्र सिंह ने सुशील कुमार गुप्ता, शिव प्रकाश मौर्य और विजयश्री मौर्य के नाम का प्रस्ताव रखा। इसका समर्थन राजेश यादव चल्लू ने किया। इसके बाद भाजपा के अशोक मौर्य ने निर्दल पार्षद संतोष शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका समर्थन लकी वर्मा ने किया।
सपा की ओर से हारुन अंसारी ने मनोज कुमार यादव के नाम का प्रस्ताव रखा। निर्दल पार्षद बबलू शाह के लिए दावेदारी अजीत सिंह ने पेश की, इसका समर्थन सीता शर्मा ने किया। कांग्रेस पार्षद सीतराम केशरी के नाम का प्रस्ताव गुलराना तबस्सुम ने किया।
आधे घंटे बाद जब किसी ने नाम वापसी नहीं की तो पीठासीन अधिकारी, महापौर मृदुला जायसवाल ने 12.30 बजे चुनाव की घोषणा की। दोपहर 1.20 बजे चुनाव शुरू हुआ तो कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने सबसे पहले मतदान किया। इसके बाद बारी-बारी से अन्य सदस्यों ने मतदान किया। कुल 92 मत पड़े, इसमें एक मत अवैध पाया गया। दो महिला पार्षद छित्तनपुरा की रेशमा परवीन और लहंगपुरा की अलिशा अपने छोटे बच्चे को लेकर मतदान करने पहुंचीं थीं।
इस दौरान कांग्रेस के सीताराम केशरी ने मतदाता सूची में शामिल एमएलसी अशोक धवन, केदार नाथ सिंह और शतरुद्र प्रकाश के मतदान अधिकार पर सवाल उठाया। साथ ही निर्वाचित, नामित और पदेन सदस्यों के अधिकार को स्पष्ट करने को कहा।
कार्यकारिणी चुनाव के दौरान तीन बार हंगामे की स्थिति बनी। पहली बार हंगामा नामित, निर्वाचित और पदेन सदस्यों के मतदान के अधिकार को लेकर हुआ। जो 20 मिनट तक चला। दूसरी बार सदन में हंगामे की स्थिति तब उत्पन्न हुई जब महापौर ने बुर्का पहनकर आई पार्षद से पर्दा हटाने और परिचय पत्र मांग लिया। पार्षदों का कहना था कि इसके लिए पहले से कोई आदेश नहीं दिया गया था। तीसरी बार हंगामा मतदान समय को आगे बढ़ाने को लेकर भाजपा और अन्य सभी दलों के पार्षदों के साथ हुआ। इस दौरान विपक्षी पार्षदों के उग्र व्यवहार को देखते हुए महापौर ने अंतत: 10 मिनट के बाद 3.10 बजे बिना समय बढ़ाए मतदान समाप्त की घोषणा कर दी।

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