scriptमुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तीन तलाक के सहारे बीजेपी प्रत्याशी | BJP use triple Talak issue in Nagar Nigam Election 2017 | Patrika News

मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में तीन तलाक के सहारे बीजेपी प्रत्याशी

locationवाराणसीPublished: Nov 09, 2017 07:02:54 pm

Submitted by:

Devesh Singh

नगर निगम चुनाव में कर रहे प्रचार, जानिए क्या है कहानी

Nagar Nigam Election 2017

Nagar Nigam Election 2017

वाराणसी. मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में अपनी चुनावी नैया का पार लगाने के लिए बीजेपी प्रत्याशियों ने तीन तलाक की पतवार थाम ली है। बीजेपी प्रत्याशियों को बड़ी उम्मीद है कि तीन तलाक के मुद्दे पर बीजेपी को वोट मिलेगा और चुनाव जीतने में आसानी होगी।
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यूपी चुनाव २०१७ में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत में मुस्लिम महिलाओं के वोट मिलने की अटकले लगी थी। इसके बाद एक बार में तीन तलाक बोलने का मुद्दा भी कानूनी रुप से सुलझ चुका है। यूपी में इस समय नगर निगम चुनाव के लिए प्रचार हो रहा है। बनारस नगर निगम की बात की जाये तो यहां पर कुल ९० सीट है। मेयर पद पर १९९५ से बीजेपी का ही कब्जा है। सपा, कांग्रेस व बसपा ने अपने प्रत्याशियों को चुनाव जीताने के लिए सारी ताकत लगा दी है। बसपा तो पहली बार अपने सिंबल पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़वा रही है। केन्द्र व यूपी दोनों में ही बीजेपी की सरकार है इसलिए शहर की अव्यवस्था को लेकर बीजेपी प्रत्याशी कोई बहाना नहीं बना सकते हैं। बीजेपी प्रत्याशियों के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी का नाम व तीन तलाक ही ऐसा मुद्दा है जिसके सहारे वह जीत सकते हैं।
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कांग्रेस को मिल चुका है क्योटो का मुद्दा
पीएम मोदी ने काशी को क्योटो बनाने का वायदा किया हुआ है। केन्द्र में बीजेपी सरकार को बने तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है। इसके बाद भी काशी को क्योटो बनाने के लिए काम नहीं हुआ। बीजेपी के वरिष्ठ नेता अब भूल कर भी क्योटो का नाम नहीं लेते हैं। कांग्रेस ने अन्य मुद्दे के साथ काशी को क्योटो बनाने का मुद्दा उठाया हुआ है। इसके अतिरिक्त सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी भी कांग्रेस के पक्ष में वोटरों को कर सकती है।
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सपा व बसपा को परम्परागत वोटरों पर अधिक भरोसा
सपा व बसपा को अपने परम्परागत वोटरों पर सबसे अधिक भरोसा है। इसके अतिरिक्त सपाईयों ने लोगों को पूर्व सीएम अखिलेश यादव का काम याद दिलाना भी शुरू कर दिया है। सपा को लगता है कि परम्परागत वोटरों के साथ बीजेपी सरकार से नाराज लोगों का साथ मिल जायेगा तो चुनाव में जीत मिलनी तय है। बसपा भी इसी सहारे चुनाव प्रचार में जुटी हुई है। अब देखना है कि किस दल का दांव चलता है और किस प्रत्याशी को जीत मिलती है।
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