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जिस विश्वनाथ कॉरिडोर का शिलान्यास करने आ रहे PM मोदी, BJP के लोग ही कर रहे विरोध

locationवाराणसीPublished: Mar 07, 2019 04:47:28 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान, महात्मा गांधी की मंशा पूरी कर रहे मोदी पर, सिखाया पाठ, कहा गांधी ने कभी मंदिर तोड़ कर रास्ता बनाने को नहीं कहा।

पीएम मोदी और विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए मंदिर का तोड़ा गया भाग

पीएम मोदी और विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए मंदिर का तोड़ा गया भाग

वाराणसी. प्राचीन नगरी की काशी जिसकी गलियां ही दुनिया भर में विख्यात हैं। उन गलियों की सैकड़ों साल पुरानी जीवन शैली, प्राचीन भवनों पर उकेरे गए भित्त चित्र, वास्तु, प्राचीन मंदिरों को तहस नहस कर अब वहां बनने जा रहा है कॉरिडोर। इसका शिलान्यास करने 08 मार्च को आ रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। बताया जाता है कि यह प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। लेकिन इसी ड्रीम प्रोजेक्ट का विरोध भाजपा के अंदर ही हो रहा है। ऐसे तमाम लोग हैं जो खुल कर तो नहीं बोल रहे लेकिन अंदर ही अंदर विरोध जारी है। पार्टी के कुछ प्रदेश पदाधिकारियों ने बाकायदा मोर्चा खोल रखा है। ऐसे लोगों का मानना है कि प्राचीनता को खत्म कर किसी शहर का विकास नहीं हो सकता। ऐसे किसी कार्य को विकास नहीं कहा जा सकता। भाजपा नेताओं का ये विरोध तो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
सीएम योगी का बयान
ऐसे भाजपा विरोधियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के उस बयान का जमकर विरोध किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि 1916 में जब बीएचयू के स्थापना दिवस पर महात्मा गांधी काशी आए थे तो वह विश्वनाथ मंदिर गए थे। सीएम योगी ने कहा कि उसी वक्त गांधी ने संकरी गलियों और गंदगी का जिक्र किया था। ये बातें सीएम योगी ने आईआईटी बीएचयू के शताब्दी एल्यूमिनाई मीट के उद्घाटन के मौके पर भी कही थी फिर दो दिन पहले जब काशी आए थे तब भी उसे दोहराया। इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी रह चुके नेता ने तल्ख टिप्पणी की है।
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गांधी 1916 नहीं 1903 में गए थे विश्वनाथ मंदिर, कभी नहीं कहा मंदिर, भवन गिरा दो
प्रदेश पदाधिकारी रहे उस भाजपा नेता का कहना है कि गांधी जी की जिस काशी यात्रा का जिक्र सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं वह 1916 में नहीं 1903 में हुई थी। तब बापू सिर्फ एक साधारण तीर्थयात्री की हैसियत से आये थे। उन्होंने अपनी आत्मकथा में लिखा कि विश्वनाथ मंदिर जाते हुए पतली संकरी गलियों से गुजरना पड़ा। इसका यह मतलब आपने और आपके आकाओं ने कहां से निकाल लिया कि वे कॉरिडोर बनाने को बोल गए हैं। आपके हिसाब से तो फिर ये ऊंचे, ऊंचे पहाड़ों पर, गुफाओं में रहने वाले देवी-देवताओं को भी मंदिर से निकाल कर सड़क पर लाकर रख देना चाहिए ताकि लोग आराम से दर्शन कर सकें।
मंदिर में कठिनाई को भी स्वीकार करते हैं भक्त
उन्होंने कहा है कि भक्त आराम से पूजा पाठ तो घर में करते ही हैं। मंदिरों में थोड़ी परेशानी हो तो भी लोग स्वीकार करते हैं। क्या कभी आपके पास कोई गया कि मंदिर का रास्ता चौड़ा कर दो। अरे वहां थोड़ी सी सुविधाएं बढ़ाने की जरूरत थी,बस। गांधी जी ने बनारस की जिस व्यवस्था पर सबसे तगड़ा हमला किया उस पर तो आप कुछ कर नहीं पाए। सफाई पर।
सत्ता में बैठे लोग अपनी सभ्यता,संस्कृति, धर्म सब भुला चुके हैं
भाजपा नेता ने कहा कि ये सत्ता में बैठे लोग अपनी सभ्यता, संस्कृति, धरोहर, मंदिर, पूजा-पाठ सब को बिसरा चुके हैं, क्योंकि वे खुद को इससे ऊपर मानते हैं। यही प्रोजेक्ट अगर सपा,बसपा या कांग्रेस की सरकार में होता तो अब तक तो आपकी पार्टी हिंदुत्व के नाम पर तांडव मचा दी होती। उन्होंने कहा कि जो चाहे करें पर कृपा कर के इतिहास से छेड़ छाड़ मत करिए। गांधी बाबा को इतना ही मानते हैं तो उनकी दूसरी बातों को भी व्यवहार में लाकर दिखाइए। उसमें तो लगातार पिछड़ते जा रहे हैं।

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