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वाराणसी के पर्यटन उद्योग में बूम की उम्मीद, अगले 04 महीने रहेगी सैलानियों की जबरदस्त भीड़, होटल लाज सब अभी से फुल

locationवाराणसीPublished: Oct 25, 2018 01:55:15 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

कार्तिक का महीना, देव दीपावली, एन आर आई समिट फिर अर्द्ध कुंभ, ऐसे में नवंबर से जनवरी तक बनारस में लगा रहेगा सैलानियों का जमघट।

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट

कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाट

डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. आगामी तीन से चार महीने तक प्राचीन धर्म नगरी काशी में रहेगा सैलानियों का जमगट। बड़े-छोटे होटल, लॉज सब अभी से फुल हो चुके हैं। अब जो भी लोग होटल आदि बुक कराने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें ‘नो रूम’ का ही जवाब मिल रहा है। छोटे-मोटे नए खुले होटल संचालक ही हैं जो थोड़ी बहुत सुन रहे हैं पर वहां भी कमरों की मुंहमांगी कीमत बताई जा रही है। यानी नवंबर से जनवरी-फरवरी तक में बनारस के पर्यटन उद्योग में जबरदस्त बूम आने वाला है। कयास लगाया जा रहा है कि 2013 के प्रयाग महाकुंभ से भी कहीं ज्यादा बूम करेगा इस बार का पर्टन सीजन।

बता दें कि कार्तिक का महीना आज गुरुवार 25 अक्टूबर से शुरू हो गया है। कार्तिक के महीने में तीर्थयात्रियों की आमद जबरदस्त रहती है। दक्षिण भारतीय ही नहीं पूरे देश व विदेशों से भी धार्मिक कृत्यों में आस्था रखने वाले गंगा स्नान के लिए कार्तिक में काशी जरूर आते हैं। फिर कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में आयोजित होने वाली देव दीपावली विश्वव्यापी हो चुकी है। काशी के अर्द्ध चंद्राकार सभी 87 घाटों पर पूर्णिमा की चांदनी के साथ जलने वाले असंख्य दीपों से जमगमग उस मनोरम, अलौकिक दृश्य को देखने के लिए तो अब दुनिया भर से लोग उस दिन काशी पहुंचने लगे हैं। देश हो या विदेश गंगा तट की उस मनोरम छटा को आंखों में सदैव के लिए कैद करने के लिए लोग बरबस ही खिंचे चले आते हैं। काशी के लक्का त्योहारों में देवदीपावली भी शामिल हो गई है। देव दीपावली इस बार 23 नवंबर को पड़ रही है।
कार्तिक मास और कार्तिक पूर्णिमा के बाद अगले वर्ष जनवरी में अप्रवासी भारतीय महासम्मेलन की मेजबानी भी बनारस को ही करनी है। इस महासम्मेलन में तकरीबन एक हजार विदेशी सैलानी आने वाले हैं। ऐसे में यह मौका भी बनारस के पर्यटन उद्योग के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ होने जा रहा है। इसकी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है।
अगले साल ही प्रयाग में अर्द्ध कुंभ लगने वाला है। ऐसे में अर्द्ध् कुंभ जिसे यूपी सरकार ने महाकुंभ का नाम दिया है के मौके पर प्रयाग जाने वाले तीर्थ यात्री, साधु-सन्यासी काशी जरूर आएंगे। काशी का यह अतीत भी यही बताता है कि जब-जब प्रयाग में कुंभ या अर्द्ध कुंभ लगा है काशी तीर्थयात्रियों, साधु-संतो से पट जाती है। यह सिलसिला अर्द्ध कुंभ की पूर्णता तक कायम रहे।
ऐसे में देवदीपावली से काशी के पर्यटन उद्योग में जो बूम आएगा वह अर्द्ध कुंभ के समापन तक कायम रहेगा। इससे काशी के होटल व्यवसायी, हर तरह के व्यवसायी, ट्रैवल एजेंसियां, नाविक भी पूरी तैयारी में हैं। होटल और लॉज तो पूरे बुक हो चुके हैं। अब कहीं भी किसी सैलाने के रहने को कमरा शेष नहीं बचा है।
होटलों की स्थिति
04 रजिस्टर्ड 05 स्टार होटल
50 के आसपास 03 स्टार होटल
200 से अधिक छोटे होटल्स
400 के करीब लॉज व गेस्ट हाउस

सैलानियों की तादाद जिनके आने की है उम्मद
05 लाख देव दीपावली पर
1000 अप्रवासी महा सम्मेलन में
50 लाख से अधिक अर्द्ध कुंभ के मौके पर
” पिछले 2013 के महाकुंभ से कई गुना ज्यादा बूम रहने की उम्मीद की जा रही है इस अर्द्ध कुंभ के मौके पर वाराणसी के पर्यटन उद्योग में। महाकुंभ के मौके पर ही होटलों, लाजों व गेस्ट हाउसों में कमरे नहीं थे तो पर्यटकों को बरामदों में जगह दी गई थी। इस बार उम्मीद से ज्यादा ही पर्टयक, तीर्थ यात्री, साधु सन्यासियों के पहुंचने की संभावना है। पैटर्न बदल रहा है। लेकिन एकोमडेशन अभी मांग की अपेक्षा बहुत कम है। ऐसे में दिसंबर, जनवरी, फरवरी में होटलों में कमरा मिल पाना असंभव सा दिख रहा है। वर्तमान में कुल मिला कर छोटे-बड़े 600 होटल ही हैं। इसमें भी 03 व 05 स्टॉर होटलों की संख्या गिनी चुनी ही है। बावजूद इसके सैलानियों की संभावित तादाद उद्योग के लिए काफी उम्मीदों भरी है।” अच्छा कारोबार होगा।- अविनाश चंद्र मिश्र, उप निदेशक, पर्यटन
” बनारस के लिए टूरिस्ट सीजन तो वैसे भी अक्टूबर से शुरू हो जाता है जो मार्च तक चलता है, जो शुरू हो चुका है। दशहरे पर ही पश्चिम बंगाल से बडी तादाद में लोग आते हैं और इस बार भी आए ही थे। अब देव दीपावली, फिर अप्रवासी सम्मेलन उसके बाद अर्द्ध कुंभ के मौके हैं जो वाराणसी के पर्यटन उद्योग में चार चांद लगाएंगे। देव दीपावली के लिए तो अब किसी होटल, लॉज व गेस्ट हाउस में कमरा नहीं बचा है। इसके लिए तो साल भर पहले से ही होटल आदि बुक होने लगे हैं, अब सब ऑनलाइन हो जाने के बाद अंतिम मौके पर कुछ बचता कहां है। अप्रवासी सम्मेलन को लेकर तैयारी चल रही है। शासन-प्रशासन भी सहयोग कर रहा है, ऐसे में उस वक्त भी भीड़ ज्यादा ही रहेगी। जहां तक प्रयाग के अर्द्ध कुंभ का सवाल है तो, अब तो बनारस के साथ इलाहाबाद से भी फ्लाइट की सुविधा है। लेकिन जो सुविधाएं बनारस में हैं, जो मान्यता काशी की है उसके मद्देनजर प्रयागराज में लगने वाले अर्द्ध कुंभ के मौके पर भी तकरीबन 50-75 फीसदी लोगों का बनारस आना अवश्यंभावी है। अब ऐसा लगता है कि बनारस के पर्यटन उद्योग के हिसाब से होटल, लॉज, गेस्ट हाउस की संख्या में भारी वृद्धि करने की जरूरत है। गोकुल शर्मा, महामंत्री, बनारस होटल
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