IIT BHU Laboratory” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/09/iit_bhu_-3_4685552-m.jpg”>आईआईटी बीएचयू के एमिशन टेक्नॉलजी के छात्रों की टीम ने ऐसा कुछ किया है जिससे गाड़ियों से निकलने वाले डीजल व पेट्रोल के धुएं को इकट्ठा करके उससे ईट, खाद और स्याही बनाई जा सकती है। संस्थान के मेकेनिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ने बताया कि यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने में काफी हद तक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इस तकनीक का व्यापक पैमाने पर इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा।
इतना ही नहीं उन्होंने बताया कि छात्रों ने एक सोलर ट्रैकर मशीन के माध्यम से ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करने की विधि भी विकसित की है। साथ ही इनेक्सको की टीम ने रेलवे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के आधुनिकरण की तकनीक को भी विकसित किया है। O’edia की टीम ने बक्यल कैविटी की सहायता से बिना इयरफोन कि मदद से कोई सुनने वाला यंत्र भी तैयार कर लिया है।
इन सभी चमत्कारी करतब को आईआईटी बीएचयू के मालवीय उद्दमिता संवर्धन केंद्र स्थित सिस्को थिंग क्यूबेटर में प्रदर्शित भी किया गया। प्रो मिश्र ने बताया कि यह सब केवल चार महीनों में हासिल किया है इन छात्रों ने। इस मौके पर प्रोजेक्ट डीईएफवाई के निदेशक मेघा भगत और थिंग क्यूबेटर के यूनिवर्सिटी मैनेजर लाइल रॉड्रिक्स मौजूद थे।