बता दें कि सेना में खराब खाना मिलने की शिकायत करने वाला तेज बहादुर का वीडियो वायरल होने के बाद उन्हें बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था। उसके बाद ही तेज बहादुर यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। अब वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पीएम मोदी को चुनौती देने को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की आवाज उठाने की सज़ा मुझे सेना से बर्खास्त करके दी गई। पीएम मोदी भ्र्ष्टाचार मुक्त भारत की बात करते थे, उन्ही को देखते हुए मैंने सेना में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर आवाज़ उठाई थी, लेकिन मुझे बर्खास्त करके सजा दी गई। अब मैं वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़कर फिर से देश को भ्र्ष्टाचार मुक्त करने की आवाज उठाऊंगा।
तेज बहादुर यादव ने दावा करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर, जनशक्ति पार्टी की रेणु चौधरी ने समर्थन दिया है। यादव सेना और राम सेना भी हमारे समर्थन में है। अखिलेश यादव से भी बात चल रही है। वह आज शाम तक अपना फैसला देंगे। ओमप्रकाश राजभर ने पूरी तरह से समर्थन देने की बात कहते हुए कहा है कि हमारी पार्टी आप के चुनाव प्रचार में आपके साथ खड़ी रहेगी। कहा कि मेरे समर्थन में करीब 10 हजार पूर्व सैनिक वाराणसी आएंगे। देखते रहिए, बनारस की धरती पर सैनिक ही नजर आएंगे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले पंकज मिश्रा भी हमारे साथ हैं। साथ ही सैनिक संगठन का भी मुझे सहयोग मिला है। पंजाब, मध्य प्रदेश और गोपालगंज सीट से भी सैनिक चुनाव लड़ेंगे। कहा कि मैं किसान का बेटा हूं। मेरे पास उनकी तरह इतना पैसा नहीं है। मैं डोर टू डोर अपना प्रचार करूंगा। हमारे सैनिक घर-घर जाकर बताएंगे कि मोदी जी ने जो बातें कही थीं वह पूरी नहीं हुईं। बताएंगे कि मोदी जी ने सैनिकों की क्या हालत कर रखी है। चुनाव पैसे के बल पर नहीं लड़ा जाता है। लड़ाई में हम उनके बराबर हैं। वह जो दिखावा कर रहे हैं, ये पब्लिक है जब सच पता चलेगा तो वह हमारे साथ खड़ी होगी। मैं हार जीत के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा हूं। मैं प्रधानमंत्री मोदी को आईना दिखाने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। कहा कि मोदी सैनिकों के हितैषी बन रहे हैं। उन्होंने सैनिकों से किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया है। हार-जीत की मुझे कोई परवाह नहीं। चुनाव के बाद भी मैं लगातार भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करता रहूंगा।