जिला जेल में निरुद्ध सामाजिक कार्यकर्ताओ व छात्रों की रिहाई होने पर कांग्रेस महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांघी के निर्देश पर महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल, प्रदेश सचिव शहनवाज आलम व अन्य कांग्रेसजनों ने जिला जेल पहुंच कर गुलदस्ता भेंट कर माला पहनाकर साथियो का स्वागत किया।
ये भी पढें- Video: सोचा था शाम तक घर लौट आउंगी, बेटी चंपक को गले लगा लूंगी, लेकिन… महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा की सत्य को आप परेशान कर सकते है परास्त नही,जितना जुल्म दमन यह सरकार करेगी,उससे अधिक संघर्ष होगा। आज रिहा हुए हर सामाजिक कार्यकर्ताओं व छात्रों के साथ हम सब खड़े हैं. क्योंकि लोकतंत्र व संविधान की रक्षा करना हम सब का मूल कर्तव्य है। इसकी रक्षा के लिए जो आवाज उठाएगा हम सब उसके साथ खड़े रहेंगे। यह जनविरोधी सरकार अपनी मनमानी नीतियों के चलते लोगो के आवाज को दबाना चाहती है।अपनी जबाबदारी से बचना चाहती है, लेकिन हम सब आवाज दबने नही देंगे। लोकतंत्र की रक्षा के लिए हर मुमकिन प्रयास करते रहेंगे। आज हर वर्ग को यह सरकार डरा धमका रही है लेकिन याद रखे जुल्म का अंत जरूर होता है और इनका अंत भी निश्चित है।
ये भी पढें-CAA PROTEST में बंद चंपक के पिता रवि सहित 60 साथी जेल से रिहा जिलाध्यक्ष राजेश्वर पटेल ने कहा की सामाजिक कार्यकर्ताओं व छात्रों को जेल भेजना यह अति निन्दनीय कृत्य है। यह सरकार देश को बांट रही हैं। भाजपा की यह सरकार आजादी के बाद सबसे बड़ी त्रासदी के रुप में है जो हर तरह से देश को बर्बाद कर रही है। देश को मुद्दों से भटका कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने का प्रयास इस सरकार का है। आवाज तो उठती रहेगी चाहे यह सरकार जितना भी जुल्म करे, दमन करे। यह क्रांति की धरती है हर दमन पर संघर्ष भारी पड़ता है। ऐसे में हम हर सामाजिक कार्यकर्ताओं छात्रों के संघर्ष को सलाम करते हैं। तानाशाहों का अंत जल्द होगा।
ये भी पढें- 14 दिन बाद मां के लौटने पर चंपक के चेहरे पर रौनक तो लौटी, पर फिर न खोने का भी भय प्रदेश सचिव शहनवाज आलम ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ताओं व छात्रों को जेल भेजना सरकार की कायरता है। यह तो अजीब हालात है की अपराधी जेल के बाहर है और समाज की लड़ाई लड़ने वाले जेल के अंदर। प्रतिदिन यूपी में अत्याचार बढ़ता जा रहा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं व छात्रों का स्वागत करने वालों में मनीष चौबे, फ़साहत हुसैन बाबू, मनीष मोरोलिया, मयंक चौबे, विनय शहनेद, चंचल शर्मा, विश्वनाथ कुंवर, विकास सिंह, आशीष पाठक, रोहित दुबे, किशन यादव, अनुभव राय, विनीत चौबे आदि प्रमुख रहे।