मनीष के पिता सुरेश मौर्या का कहना है कि उनका बेटा कैंसर से पीड़ित था। एक सप्ताह पहले ही वह अस्पताल से घर आया था। मंगलवार को जब अतिक्रमण ध्वस्त करने जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व व प्रशासन की संयुक्त टीम जंसा कृषि विभाग के आराजी नंबर 329 व 330 (साढ़े तीन बीघा) पर जेसीबी सहित पहुंची तो पहले पड़ोस के किराने की दुकान व खपरैल को ध्वस्त किया गया। फिर जैसे ही मनीष के दुकान और मकान को जेसीबी से गिराना शुरू किया गया वह बेहोश हो कर गिर पड़ा। परिजन जब तक उसे हॉस्पिटल ले जाते उसकी मौत हो गई।
मनीष के घरवालों का आरोप है कि मनीष ने सीओ सदर व उप जिलाधिकारी राजातालाब से बार-बार निवेदन किया बावजूद इसके अतिक्रमण निरोधक दस्ता नहीं रुका और अतिक्रमण ध्वस्त करते हुए आगे बढ़ गया। इससे की सदमे में आने के कारण मनीष को दिल का दौरा पड़ गया और उसकी मौत हो गई।
इस मसले पर प्रशासन का कहना है कि मनीष के पिता सुरेश ने कृषि विभाग की जमीन पर अपना मकान और दुकान बनवाया था जिसे गिरा दिया गया।