उन्होंने कहा कि मुख्य अधिशासी अधिकारी द्वारा छावनी परिषद के बैठक दिनांक तीन फरवरी की कार्यवाही प्रपत्र में चंद्रकेशव उपाध्यक्ष व अन्य पांच निर्वाचित सदस्य शैलेन्द्र सिंह, संगीता यादव, राज कुमार दास, मसूदा हुसैन व शैलजा श्रीवास्तवा द्वारा लगाए गए नोटआफ डिसेंट पर उठाई गई आपत्तियां व आरोप नियमों के विरुद्ध हैं। उपाध्यक्ष चंद्र केशव व अन्य सदस्यों ने कार्यवाही रजिस्टर में मुख्य अधिशासी द्वारा लगाये गए अनर्गल आरोपों का विरोध पत्र के माध्यम से खंडन कर अपने पक्ष से अधिशासी अधिकारी को अवगत कराया। उन लोगों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उपरोक्त कार्यवाही प्रपत्र पर पर लगाये गए गलत आरोपों को निरसित नहीं किया जाएगा, तब तक हम छ: सदस्यों द्वारा बोर्ड की किसी कार्यवाही में असहयोग जारी रहेगा। अधिशासी अधिकारी तानाशाही से बोर्ड चलाना चाहते हैं, छावनी नागरिकों को लगातार अनावश्यक डरा धमकाकर सदस्यों के ऊपर दबाव बना रहे हैं और बिना बोर्ड की सहमति के मनमाने ढंग से नागरिको से गैरकानूनी ज़ुर्माना वसूला जा रहा है,जो सह्य नहीं है।