बता दें कि सीबीएसई की लिखित परीक्षा पांच मार्च से शुरू हुई थी जो 13 अप्रैल तक चली थी। हालांकि इंटर अर्थशास्त्र के पेपर लीक के चलते उसकी परीक्षा टाली गई थी जो 26 अप्रैल को समाप्त हुई। इस बार नौ साल बाद दसवीं के छात्र-छात्राओँ ने बोर्ड एग्जाम दिया था। कोआर्डिनेटर वीके मिश्र के अनुसार इस बार जिले में कक्षा 10 में 18,311 संस्थागत व 24 व्यक्तिगत विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं। वहीं 12वीं में 13,698 संस्थागत व 2322 व्यक्तिगत विद्यार्थी हैं। इस तरह 10वीं में कुल 18,335 व 12वीं में 16,020 विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित हुए।
कोआर्डिनेटर मिश्र के अनुसार अब सीबीएसई ने ग्रेड सिस्टम को खत्म कर दिया है। ऐसे में 10वीं में भी टॉपर्स की सूची जारी होगी। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद यूपीए सरकार में सभी बोर्ड को यह निर्देश दिए गए थे कि वे बोर्ड परीक्षाफल ग्रेड के अनुसार ही घोषित करें। ऐसा रिजल्ट घोषित होने के बाद छात्र-छात्राओं के कम नंबर आने पर खुदकुशी की आशंका के मद्देनजर किया गया था। तत्कालीन सरकार और कोर्ट का यह मानना था कि विद्यार्थियों के बीच जब नंबर की खींच तान नहीं होगी तो उन पर नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। वैसे भी रिजल्ट में दशमलव के बाद के अंक प्रतिशत को लेकर विद्यार्थियों में हीन भावना पैदा होती है जो उनकी सेहत के लिए नुकसानदायक है।
कोआर्डिनेटर मिश्र ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वो बच्चों के कम नंबर आने से हतोस्ताहित न हों। बल्कि उनका हौसला बनाए रखे। अपने बच्चो की तुलना किसी और से न करें, क्योकि हर एक बच्चा आदित्य है, अद्भुत है एवं विशेष है। छात्र और छात्राएं जो इस परीक्षा में अच्छे अंक नहीं ला सके, अपने माता-पिता की आशाओं और आकांक्षाओं पर खरा नहीं उतर सके, वे निश्चित ही निराश और हताश होंगे, हो सकता है उन्हें तरह-तरह के तानों का भी सामना करना पड़ रहा हो, ऐसे में अपेक्षाकृत कम नंबर पाने वाले बच्चों का खास खयाल रखें। ज़िन्दगी की दौड़ में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पहले राउंड में आगे हैं कि नहीं । फर्क इस बात से पड़ता है कि फिनिशिंग लाइन पे सबसे पहले कौन पहुंचा। अभी तो ज़िन्दगी की मैराथन दौड़ का बमुश्किल पहला राउंड पूरा हो रहा है। फिनिशिंग लाइन पे न जाने कौन पहुंचेगा सबसे पहले। शुरू में बहुत तेज़ दौड़ने वाले ज़रूरी नहीं की इसी दमखम से लगे रहें। सबसे आगे वो आएगा जो धैर्य पूर्वक लगा रहेगा । जो बिना हार माने दौड़ता रहेगा । वो जिसकी निगाह लक्ष्य पे रहेगी ।