scriptवाराणसी में ऐसे मना अन्नकूट, 56 प्रकार के व्यंजनों से सजा बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा का दरबार | Celebrate Annakut in Varanasi Kashi Vishwanath and Annapurna Mandir | Patrika News

वाराणसी में ऐसे मना अन्नकूट, 56 प्रकार के व्यंजनों से सजा बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा का दरबार

locationवाराणसीPublished: Nov 16, 2020 09:09:13 pm

अन्नकूट पर शिवमय हुआ बाबा दरबार, भक्तों ने बुलंद किये जयकारे

annakoot in Varanasi

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

वाराणसी. बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में हर साल की तरह इस साल भी अन्नकूट बेहद अद्भुत तरीके से मनाया गया। इस मौके पर बाबा श्री काशी विश्वनाथ की पंचबदन की प्रतिमा की भव्य झांकी सजायी गयी और उन्हें 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। दिवाली के अगले दिन मनाए जाने वाले अन्नकूट के मौके पर बाबा विश्वनाथ की पंच बदन प्रतिमा की भव्य झांकी सजायी गयी। श्रृंगार भोग आरती में बाबा की चल रजत प्रतिमा को स्थापित कर भव्य पूजन अर्चन किया गया। इस दौरान श्रद्घालुओं द्वारा लगाए गए जयकारे से पूरा मंदिर परिसर शिवमय हो गया।

 

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अन्नकूट के मौके पर बाबा दरबार को 500 किलो लड्डुओं से आकर्षक रूप से सजाया गया था। इसके बाद 6 कुंतल 51 किलो मिठाइयों सहित 56 प्रकार के व्यंजनों से बाबा को भोग लगाया गया। इस दौरान श्रद्घालु लगातार बाबा का जयकारा बुलंद कर रहे थे।

 

मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा, विशेष कार्याधिकारी उमेश सिंह और अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी निखिलेश मिश्रा सहित बड़ी संख्या में अधिकारी भी बाबा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के इस अन्नकूट महोत्सव के परंपरागत उत्सव में शामिल हुए। आरती के बाद कमिश्नर ने मंदिर में मौजूद श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पिछले कई दशक से चली आ रही मंदिर की परंपरा का विधिविधान से निर्वहन किया गया। महंत परिवार द्वारा लाई गई परंपरागत प्रतिमा की वैदिक रीतिरिवाज से पूजन अर्चन किया गया।

 

इसी तरह माता अन्नपूर्णा के दरबार में भी 80 क्विंटल प्रसाद का भोग लगाया गया। 21 क्विंटल लड्डू का मां को भोग लगाया गया। इसके अलावा प्रसाद में में कच्चे और पक्के भोजन भी शामिल किये गए। अन्न्पूर्णा मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी ने बताया कि अनादि काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक मां को 56 प्रकार के व्यंजनों का लोग लगाया गया। देवी के इस प्रसाद को भक्तों में वितरित कर दिया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे देवी प्रसन्न होकर पूरे वर्ष भक्तों को सुख, शांति, धन और वैभव प्रदान करती हैं।

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