रेवती नक्षत्र के साथ शुरू हो रही है नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि शनिवार के दिन रेवती नक्षत्र के साथ शुभ हो रही है। उदय काल में रेवती नक्षत्र का योग साधना व सिद्धि में पांच गुना अधिक शुभफल प्रदान करेगा। 9 दिवसीय त्योहार में पांच बार सर्वार्थसिद्धि तथा दो बार रवियोग का होना धर्म शास्त्री की दृष्टि से श्रेष्ठ है। ऐसे योगों में देवी साधना का विशेष फल प्राप्त होता है। धन तथा धर्म की वृद्धि करने वाली यह नवरात्रि इस बार खास है।
सर्वार्थसिद्धि योग वाला है द्वितीया तिथी
द्वितीया तिथि को सर्वार्थसिद्धि योग यानी 7 अप्रेल को आएगा। वहीं 8 अप्रैल को रवियोग होगा। इस दिन गणगौर तीज भी होगी। 10 अप्रैल बुधवार पंचमी तिथि को सर्वार्थसिद्धि योग (लक्ष्मी पंचमी) होगी। 11 अप्रैल गुरुवार षष्ठी तिथि रवियोग फिर से होगा। 12 अप्रैल शुक्रवार सप्तमी तिथि सर्वार्थसिद्धि योग होगा। 13 अप्रैल शनिवार महाअष्टमी पर सुबह 11.42 के बाद नवमी तिथि स्मार्त मतानुसार योग होगा।
14 अप्रैल रविवार महानवमी रवीपुष्य नक्षत्र व सर्वार्थसिद्धि योग सुबह 9.37 बजे तक नवमी वैष्णव मतानुसार होगा। रेवती नक्षत्र पंचक का पांचवा नक्षत्र है। इस नक्षत्र का शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से एक घंटे तक स्पर्श होना, वह भी उदयकाल से करीब 45 मिनट तक रहना तंत्र साधना की दृष्टि से सर्वोत्तम है। नक्षत्र सिद्धांत की दृष्टि से देखें तो रेवती नक्षत्र का स्वामी पुषा है, जो ऋग्वेद के अन्य देवताओं में से एक है। इसलिए यह नवरात्रि यंत्र, तंत्र व मंत्र सिद्धि के लिए विशेष मानी जा रही है। इसमें धन प्राप्ति के लिए किए जाने वाले उपाय भी कारगर होंगे।