महंत चल्ला सुब्बाराव शास्त्री के नेतृत्व में निकली इस शोभायात्रा में घोड़ों पर सभी देवी देवताओं के स्वरूपधारी बाटुक भी चल रहे थे। महिलाएं, पुरुष, युवा, बच्चे गणपति भक्ति में लीन नाचते गाते अपनी धुन में मगन रहे। बैंड बाजे संग शहनाई वादक भी अपनी सुरीली धुन पर भक्ति गीत के धुनों से पूरा वातावरण भक्तिमय बनाए हुए थे। रवींद्रपुरी स्थित कीनाराम तिराहे पर कुछ युवाओं ने मशाल के साथ गजब के करतब दिखाए जिन्हें देख भक्त भी रोमांचित हो उठे।