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सेतुनिगम की लापरवाही से हुआ चौकाघाट फ्लाइओवर हादसा, 16 की मौत

locationवाराणसीPublished: May 16, 2018 02:27:52 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

वाराणसी फ्लाई ओवर हादसा : सेतु निगम और जिला प्रशासन भी जवाबदेही से नहीं बच सकता। रास्ता चालू था और काम भी जारी।

चौकाघाट फ्लाइओवर हादसा

चौकाघाट फ्लाइओवर हादसा

वाराणसी. चौकाघाट-लहरतारा फ्लाइओवर हादसा पूरी तरह से जिला प्रशासन और सेतु निगम की लापरवाही का नतीजा है। फ्लाइओवर का निर्माण चल रहा है लेकिन उसके मानक तक ताख पर रख दिए गए थे। कहीं कोई सपोर्ट नहीं। इतना भारी भरकम सीलिंग का निर्माण और उतनी ही बड़ी उपेक्षा। इतना ही नहीं कदम-कदम पर ट्रैफिक डायवर्जन करने वाले प्रशासन को इसकी तनिक भी भनक नहीं कि कहीं कोई दुर्घटना हुई तो क्या होगा? कहीं कोई बैरकेडिंग नहीं। जहां हादसा हुआ है वह इंग्लिशियालाइन तिराहे से आगे का इलाका है, कमलापति ब्वायज इंटर कॉलेज के सामने का क्षेत्र। मजेदार यह कि प्रशासन ने जो बैरकेडिंग की भी है उसका रूट डायवर्जन ऐसा है कि हादसे वाले क्षेत्र से ही हो कर लोगों को आना-जाना है। दूसरे यह इलाहाबाद-वाराणसी को जोड़ने वाला जीटी रोड का हिस्सा है। ये वो मार्ग है जहां 24 घंटे ट्रैफिक रहता है लेकिन प्रशासन ने इसकी तनिक भी चिंता नहीं की। नतीजा साफ कि शाम के वक्त जैसे ही यह सीलिंग गिरी उसमें एक रोडवेज बस, चार से अधिक चार पहिया वाहन के अलावा दर्जन भर से ज्यादा बाइक, साइकिल, स्कूटी आदि मलबे में दब गए। ऐसा हादसे की तो लोगों ने मानों कल्पना तक नहीं की थी। तेज आवाज के साथ गिरी सीलिंग के बाद आस-पास के लोग पल भर के लिए स्तब्ध रह गए। उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया। जब तक वो समझ पाते चीख पुकार से पूरा माहौल गूंज उठा।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो इतना बड़ा हादसा तो उन्होंने जीवन में नहीं देखा। इतनी बड़ी लापरवाही भी नहीं देखी। मौके पर ऐसा कोई नहीं मिला जो सेतु निगम और जिला प्रशासन को कोस न रहा हो। हर कोई सेतु निगम और जिला प्रशासन की खामी निकालता रहा। कहते रहे कि जिले और मंडल के अधिकारी से लेकर स्थानीय मंत्री तक आए दिन इस फ्लाइओवर का मुआयना करते हैं। ये कैसा मुआयना करते हैं। यह हाल तब है जब इसी माह के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बनारस आना है, उससे पहले रविवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ आने वाले थे। कैंट क्षेत्र के दुकानदारों का कहना है कि जब चौकाघाट फ्लाइओवर को विस्तार दिया जा रहा था तभी हम लोगों ने विरोध किया था। लेकिन शासन-प्रशासन उस पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। जहां तक फ्लाइओवर की गुणवत्ता का सवाल है तो उस पर उसके निर्माण के वक्त से ही सवाल उठ रहा है।
इस बीच कैंट रेलवे स्टेशन के पास महीनों से बन रहा ओवरब्रिज का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार शाम को अचानक गिरा तो कोहराम मच गया। ओवर ब्रिज का हिस्सा जमीन पर गिरते ही नीचे मौजूद लोग इसके मलबे में दब गए। भागादौड़ी और जान बचाने की कोशिश में कई लोग गिरकर घायल हो गए। काफी भीड़ भरे क्षेत्र में अचानक हुए इस हादसे में भगदड़ मचने के बाद मौके पर पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाला और लोगों को सुरक्षित करने के प्रयास में जुटे। हादसे की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय नागरिक भी सहयोग में आगे आए और फ्लाइओवर गिरने के बाद नीचे फंसे वाहन और उसमें मौजूद लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे। हालांकि नीचे दर्जनों लोगों के फंसे होने की सूचना के बाद उनको बचाने की कोशिश की जा रही है। अब तक 16 लोगों के मारे जाने की सूचना है।
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