प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो इतना बड़ा हादसा तो उन्होंने जीवन में नहीं देखा। इतनी बड़ी लापरवाही भी नहीं देखी। मौके पर ऐसा कोई नहीं मिला जो सेतु निगम और जिला प्रशासन को कोस न रहा हो। हर कोई सेतु निगम और जिला प्रशासन की खामी निकालता रहा। कहते रहे कि जिले और मंडल के अधिकारी से लेकर स्थानीय मंत्री तक आए दिन इस फ्लाइओवर का मुआयना करते हैं। ये कैसा मुआयना करते हैं। यह हाल तब है जब इसी माह के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बनारस आना है, उससे पहले रविवार को ही सीएम योगी आदित्यनाथ आने वाले थे। कैंट क्षेत्र के दुकानदारों का कहना है कि जब चौकाघाट फ्लाइओवर को विस्तार दिया जा रहा था तभी हम लोगों ने विरोध किया था। लेकिन शासन-प्रशासन उस पर तनिक भी ध्यान नहीं दिया। जहां तक फ्लाइओवर की गुणवत्ता का सवाल है तो उस पर उसके निर्माण के वक्त से ही सवाल उठ रहा है।
इस बीच कैंट रेलवे स्टेशन के पास महीनों से बन रहा ओवरब्रिज का एक बड़ा हिस्सा मंगलवार शाम को अचानक गिरा तो कोहराम मच गया। ओवर ब्रिज का हिस्सा जमीन पर गिरते ही नीचे मौजूद लोग इसके मलबे में दब गए। भागादौड़ी और जान बचाने की कोशिश में कई लोग गिरकर घायल हो गए। काफी भीड़ भरे क्षेत्र में अचानक हुए इस हादसे में भगदड़ मचने के बाद मौके पर पुलिस कर्मियों ने मोर्चा संभाला और लोगों को सुरक्षित करने के प्रयास में जुटे। हादसे की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय नागरिक भी सहयोग में आगे आए और फ्लाइओवर गिरने के बाद नीचे फंसे वाहन और उसमें मौजूद लोगों को बचाने की कोशिश करने लगे। हालांकि नीचे दर्जनों लोगों के फंसे होने की सूचना के बाद उनको बचाने की कोशिश की जा रही है। अब तक 16 लोगों के मारे जाने की सूचना है।