दशाश्वमेध घाट पर दो मुख्यमंत्रियों का मिलन खिलाएगा राजनीति में नया गुल, जानिए क्या है मामला
वाराणसी. मिशन 2017 का किला फतह करने के लिए पूर्वांचल की राजधानी कही जाने वाली काशी राजनीति का अखाड़ा बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण राजनीतिक गलियारों में काशी का महत्व बढ़ गया है। सियासी अखाड़े में गर्मी बढ़ाने 12 मई को उत्तर प्रदेश और बिहार के मुख्यमंत्री काशी में गंगा की लहरों पर सवार होकर चुनावी तीर छोड़ेंगे।
जानकारी के अनुसार 12 मई को गंगा सप्तमी है। इस अवसर पर दशाश्वमेध घाट पर भव्य कार्यक्रम प्रस्तावित है। गंगा सप्तमी में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को न्यौता भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार दोनों मुख्यमंत्रियों ने आने की हामी भी भरी है। सबकुछ ठीक रहा तो अखिलेश व नीतीश कुमार 12 मई की शाम बनारस में होंगे।
गंगा की लहरों पर होगा महागठबंधन
बिहार में चुनाव के दौरान ऐन मौके पर मुलायम सिंह यादव ने महागठबंधन से हाथ पीछे खींच लिए थे जिससे मुलायम और नीतीश के रिश्ते में खटास आ गई थी। चुनाव में जीत के बाद नीतीश और मुलायम के बीच बढ़ी दूरी को कम करने में महती भूमिका निभाई लालू प्रसाद यादव ने। लालू और मुलायम के परिवार के बीच हुई शादी ने रिश्तों में मिठास घोली और नए सिरे पीएम मोदी को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों की लड़ाई बीजेपी से ही है। सपा सत्ता का दोहराव चाहती है। बिहार विधानसभा चुनाव में बदले समीकरण के चलते नीतीश की डिमांड उत्तर प्रदेश में बढ़ी है। पूर्वांचल में नीतीश खासा प्रभाव डाल सकते हैं क्योंकि बनारस समेत बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मीरजापुर में बिहारियों की संख्या खासी है। दूसरी ओर पूर्वांचल में जिस तरह से टीम मोदी अपनी घेरेबंदी कर रही है उससे अखिलेश सरकार टेंशन में है। उधर पीएम का ख्वाब देख रहे नीतीश व मुलायम फिलहाल एक ही राह पर चल रहे हैं। मोदी को घेरने के लिए लालू बनारस में लालटेन यात्रा निकालने वाले थे। नीतीश की कई रैलियों का कार्यक्रम बनारस में बना लेकिन अब तक एक भी आयोजन नहीं हो पाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनारस में जितनी बार भी आए उनकी कोशिश रही कि मां गंगा की चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। बीते दिनों अस्सी घाट पर ई-बोट का वितरण किया। उसके पहले जापान के पीएम शिंजो को गंगा आरती दिखाने मोदी बनारस ले आए थे।