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वाराणसी

सीएम योगी की पिक्चर से गायब हुए राजा भैया, राजनीतिक गलियारों में हड़कंप

बाहुबली विधायक ने अपने गढ़ में आये सीएम योगी के कार्यक्रम से बनायी दूरी, सपा से खराब हुए रिश्तों को ठीक करने की कवायद

वाराणसीApr 23, 2018 / 04:34 pm

Devesh Singh

CM Yogi Adityanath and Raja Bhiya

CM Yogi Adityanath and Raja Bhiya

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ की पिक्चर से बाहुबली क्षत्रिय विधायक राजा भैया गायब हो चुके हैं। सोमवार को सीएम योगी का प्रतापगढ़ का दौरा जारी है लेकिन राजा भैया से कही भी उनकी मुलाकात नहीं होने वाली है। सबसे बड़ी बात है कि सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने बीजेपी के नेता भी राजा भैया का नाम नहीं ले रहे हैं, ऐसे में सवाल उठने लगा है कि यह सब खास रणनीति के तहत हो रहा है या फिर सीएम योगी व राजा भैया के बीच की राजनीतिक दूरी बढ़ गयी है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ व बाहुबली क्षत्रिय विधायक राजा भैया की नजदीकी किसी से छिपी नहीं है। महाराज जी (सीएम योगी आदित्यनाथ) के लिए राजा भैया पर सपा का साथ छोड़ कर राज्यसभा में बीजेपी के पक्ष में मतदान करने का आरोप लगा था। राजनीतिक जगत में कई बार चर्चा हुई कि बीजेपी में क्षत्रिय राजनीति को ताकत देने के लिए भगवा दल में राजा भैया शामिल हो सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूपी का मुख्यमंत्री बनने के बाद से कई बार योगी आदित्यनाथ व राजा भैया की भेंट हो चुकी है इसे शिष्टाचार भेंट बताया गया था लेकिन प्रतापगढ़ में जब खुद सीएम योगी मौजूद हैं तो वहां पर शिष्टाचार भेंट नहीं होना कुछ और ही इशारा करता है।
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सपा से संबंध बचाने की चुनौती, बीजेपी ने टिकट मिलने की उम्मीद कम
सपा के पूर्व सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव से राजा भैया के खा संबंध थे। मायावती ने राजा भैया पर जब पोटा लगाया था तो सरकार बदलते ही मुलायम सिंह यादव ने ही राजा भैया की सबसे अधिक मदद की थी। राज्यसभा चुनाव 2018 पहले तक राजा भैया व अखिलेश यादव के संबंध सामान्य थे लेकिन अब दोनों लोगों में मनमुटाव की बात सामने आ रही है। अखिलेश यादव ने मीडिया से कहा था कि लगता है राजा भैया हमारे साथ हैं। इसके बाद से ही राजा भैया ने सपा से बिगड़ते संबंधों को बचाने की कवायद शुरू कर दी है। राजा भैया के भाई अक्षय प्रताप सिंह पूर्व में सपा के टिकट पर ही चुनाव लड़े थे। वर्ष २०१९ में सपा व बसपा मिल कर चुनाव लडऩे वाले हैं। ऐसे में अक्षय प्रताप सिंह को सपा से टिकट चाहिए तो राजा भैया को अखिलेश यादव के साथ संबंधों पर ध्यान देना होगा। बीजेपी से राजा भैया के भाई को टिकट मिलने की संभावना कम है इसलिए राजा भैया किसी भी हाल में सपा से अपने संबंध नहीं खराब कर सकते हैं।
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राजनीतिक दलों को भी चाहिए राजा भैया का साथ
राजा भैया के पास खुद ही इतनी ताकत है कि वह बिना किसी दल के सहयोग से ही कुंडा से चुनाव जीत जाते हैं। राजा भैया को क्षत्रियों को बड़ा नेता माना जाता है। राज भैया का साथ जिस दल को मिलता है उस पार्टी से क्षत्रिय समाज को लोग जुडऩे लगते हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों के लिए भी राजा भैया की बहुत उपयोगिता है यह बात सपा के बड़े नेता भी जानते हैं। सीएम योगी से दूरी बना कर राजा भैया से साफ कर दिया है कि वह सपा के साथ अपने रिश्तों को बचाये रखना चाहते हैं।
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