वाराणसी

दशहरा के बाद सीएम योगी को देनी होगी पहली परीक्षा, आसान नहीं है राह

चुनाव में मिली हार तो खत्म हो सकता है पार्टी का विश्वास, जानिए क्या है कहानी

वाराणसीSep 28, 2017 / 04:28 pm

Devesh Singh

CM Yogi Adityanath

वाराणसी. सीएम योगी आदित्यनाथ को दशहरा के बाद पहली बड़ी परीक्षा देनी होगी। दशहरा के बाद नगर निगम चुनाव के साथ फूलपुर व गोरखपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव की तैयारी तेज हो जायेगी। देश में अर्थव्यवस्था व रोजगार को लेकर पीएम मोदी सरकार की स्थिति अच्छी नहीं है, ऐेसे में सीएम योगी के लिए संसदीय के साथ नगर निगम सीट पर कमल खिलाना आसान नहीं होगा। चुनाव में पार्टी को हार मिलती है तो सीएम योगी पर से बीजेपी का विश्वास काम होने लगेगा।
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यूपी चुनाव में प्रचंड जीत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार बनी है। नयी सरकार ने छह माह का कार्यकाल खत्म कर चुकी है। इस दौरान कई उतार-चढ़ाव आये हैं, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की लोकप्रियता की सही स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है। संसदीय सीट के साथ नगर निगम चुनाव का परिणाम बतायेगा कि सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार के अब तक के काम को जनता कितना पसंद किया है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ पर होगी बीजेपी को जिताने की जिम्मेदरी
यूपी में बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ की होगी। पीएम नरेन्द्र मोदी इन चुनाव में प्रचार नहीं करने आने वाले हैं। ऐसे में बीजेपी के स्टार प्रचारक की जिम्मेदारी सीएम योगी आदित्यनाथ को निभानी होगी। सीएम योगी अपनी पूर्व संसदीय सीट गोरखपुर के साथ फूलपुर की सीट पर फिर से कमल खिलाना होगा। गोरखपुर की सीट को लेकर अधिक दिक्कत होने की संभावना कम है, लेकिन फूलपुर संसदीय सीट बीजेपी के लिए कठिन किला बन चुकी है, जिसे फतह करना आसान नहीं होगा।
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सपा व बसपा के राज्य में भी नगर निगम चुनाव में बीजेपी को मिलती थी जीत
यूपी में सपा व बसपा सरकार के समय भी नगर निगम चुनाव में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती है। मेयर पद पर बीजेपी का प्रदर्शन किसी से छिपा नहीं है। इस बार तो केन्द्र व यूपी में बीजेपी की सरकार है और चुनाव में पिछली बार से कम सीट मिलती है तो पार्टी को झटका लगना तय है। इन चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन संसदीय चुनाव २०१९ की कुछ स्थिति को स्पष्ट कर देगा।
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