वाराणसी में राजघाट से लेकर अस्सी घाट के बीच गंगा में 1500 से अधिक नावें चलती हैं। छोटी नौकाओं को छोड़ दें तो सभी बजड़े और ज्यादातर नावें मोटर से ही चलती हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा है कि बनारस में गंगा में प्रदूषण के सभी कारकों का एक-एक करके समाधान निकालकर गंगा को प्रदूषण मुक्ति दिलाया जाय ताकि उसकी निर्मलता और अविरलता बननी रहे। इसी मंशा को मूर्त रूप मिला है स्मार्ट सिटी के तहत। इस योजना के तहत पूरे शहर को परंपरा और आधुनिकता के मेल से सजाने संवारने के लिये विकास कार्य चल रहे हैं। गंगा घाटों को खूबसूरत बनाया जा रहा है तो विश्वनाथ धाम काॅरिडोर भी गंगा तट पर आकार ले रहा है।
गंगा में नावों को भी अब सीएनजी से चलाया जाएगा। नावों को सीएनजी फ्यूलिंग के लिये खिड़किया घाट पर गेल इंडिया का एक सीएनजी स्टेशन बनाया गया है। वाराणसी आए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुद अपने सामने सीएनजी से नाव संचालन की टेस्टिंग कराई और उन्होंने सीएनजी स्टेशन का भी दौरा किया। उन्होंने कहा कि पीएम की कल्पना है कि गंगा में नावें डीजल के बजाय सीएनजी से चलें ताकि नाविकों को बचत भी हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उर्जा गंगा अब तकनीकी रूप से गंगा के अंदर पहुंच गया है। गेल और मेकन इस दिशा में काम कर रहे हैं।