कम बारिश होने का असर ठंड पर भी पड़ा है। आमतौर पर नवम्बर से ठंड पडऩे लगती थी, लेकिन इस बार ठंड का असर बहुत कम है। दशहरा व दीपावली का त्योहार भी पहले ही पड़ गया है इसलिए दोनों त्योहार पर ठंड जरा भी महसूस नहीं हुई। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से मौसम में परिवर्तन होना शुरू हुआ है जो नवम्बर में भी जारी रहेगा। सुबह व रात का समय छोड़ दिया जाये तो बाकी समय ठंड का एहसास नहीं हो रहा है। ठंड बढऩे की रफ्तार भी बेहद धीमी है इससे अनुमान लग रहा है कि कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं आता है तो इसी रफ्तार से ठंड बढ़ती रहेगी।
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ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक महसूस हो रही ठंड
ग्रामीण क्षेत्रों का ठंड का असर अधिक महसूस हो रहा है। क्रंकीट का जंगल हो चुके शहरों से हरियाली गायब हो गयी है, जिसके चलते ठंड का मौसम अपनी ताकत नहीं दिखा पाता है। शहर में अभी तक कोहरे की दस्तक नहीं हुई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका हल्का असर दिखायी दे रहा है।
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ग्रामीण क्षेत्रों का ठंड का असर अधिक महसूस हो रहा है। क्रंकीट का जंगल हो चुके शहरों से हरियाली गायब हो गयी है, जिसके चलते ठंड का मौसम अपनी ताकत नहीं दिखा पाता है। शहर में अभी तक कोहरे की दस्तक नहीं हुई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इसका हल्का असर दिखायी दे रहा है।
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जानिए क्या कहा मौसम वैज्ञानिक ने
बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो.एसएन पांडेय ने बताया कि धीरे-धीरे ठंड का असर दिखायी पड़ेगा। इसी बीच कोई पश्चिम विक्षोभ आता है तो कड़ाके की ठंड पडऩा शुरू हो जायेगी। वर्ना मौसम में इसी तरह से बदलाव होता रहेगा।
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बीएचयू के मौसम वैज्ञानिक प्रो.एसएन पांडेय ने बताया कि धीरे-धीरे ठंड का असर दिखायी पड़ेगा। इसी बीच कोई पश्चिम विक्षोभ आता है तो कड़ाके की ठंड पडऩा शुरू हो जायेगी। वर्ना मौसम में इसी तरह से बदलाव होता रहेगा।
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