पीएम नरेन्द्र मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ जब काशी में थे तो उसी समय बीएचयू में छात्राओं नेे आंदोलन किया था इसके बाद भी बीएचयू के वीसी प्रो.जीसी त्रिपाठी व अन्य जिम्मेदार लोगों ने आंदोलन खत्म करने की जिम्मेदारी नहीं निभायी। इसको लेकर बात बिगड़ गयी और परिसर में जमकर लाठीचार्ज में कई लोग घायल हो गये। पुलिस ने छात्राओं के साथ मीडिया के लोगों की भी पिटाई कर दी। बीएचयू बवाल ने तूल पकड़ लिया है और विभिन्न राजनीतिक पार्टी ने पीएम मोदी से लेकर आरएसएस पर निशाना साधा है। मीडिया के लोगों ने लखनऊ में सीएम आवास के बाहर धरना देकर विरोध जताया था इसके बाद ही सीएम योगी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच कमेटी गठित की है। सीएम के निर्देश का असर है कि तुरंत ही मामले की जांच शुरू हो गयी।
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जांच कमेटी के अधिकारियों के कोई भी दे सकता है साक्ष्य
कमिश्रर नितिन रमेश गोकर्ण व एडीजी रेंज वीके महापात्रा पर प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। बीएचयू बवाल व लाठीचार्ज से जुड़ा कोई भी साक्ष्य किसी व्यक्ति के पास होता है तो वह दोनों वरिष्ष्ठ अधिकारियों के यहां निर्धारित समय पर जाकर लिखित या फि र मौखिक रुप से साक्ष्य दे सकता है।
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कमिश्रर नितिन रमेश गोकर्ण व एडीजी रेंज वीके महापात्रा पर प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। बीएचयू बवाल व लाठीचार्ज से जुड़ा कोई भी साक्ष्य किसी व्यक्ति के पास होता है तो वह दोनों वरिष्ष्ठ अधिकारियों के यहां निर्धारित समय पर जाकर लिखित या फि र मौखिक रुप से साक्ष्य दे सकता है।
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