निर्माणाधीन 50 बेड के महिला चिकित्सालय के निर्माण का मामलाराजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक को फटकारकार्य की धीमी प्रगति पर कमिश्नर का चढ़ा पारालापरवाह अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की शासन से की संस्तुति
कमिश्नर दीपक अग्रवाल
वाराणसी. लगभग दो महीने तक चली निर्वाचन प्रक्रिया से खाली होते ही प्रशासन की निगाह अब विकास कार्यों पर है। एक-एक निर्माण कार्यों का आला अफसर खुद स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं। इतना ही नहीं, निर्माण कार्य में ढिलाई पर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
अभी पिछले सप्ताह डीएम सुरेंद्र सिंह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचे थे निर्माणाधीन सुपर स्पेशायालिटी सेंटर का काम देखने। वहां भी काम में सुस्ती पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। उससे आगे बढते हुए कमिश्नर दीपक अग्रवाल गुरुवार को पहुंच गए दीन दयालय उपाध्याय जिला अस्पताल। यहां 50 बेड का महिला चिकित्सालय निर्माणाधीन है। इसके निर्माण की गति धीमी पाए जाने पर कमिश्नर ने सख्त कदम उठाते हुए निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक पर न केवल नाराजगी जताई बल्कि उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई के लिए शासन से संस्तुति भी कर दी है।
बता दें कि 50 बेड के इस निर्माणाधीन महिला चिकित्सालय पर 21 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं ताकि बनारस और आसपास के इलाकों की महिला रोगियों को किसी तरह की दिक्कत न होने पाए। महिलाओं को हर तरह की स्वास्थ्यगत सुविधा मिल सके। निर्माण का दायित्व निर्माण निगम को दिया गया है। निगम जिस ठेकेदार से काम करा रहा है उसकी गति बहुत ही धीमी है। इस पर कमिश्नर ने निगम के परियोजना प्रबंधक से मौके पर ही पूछा तो वह कोई जवाब नहीं दे सके। दरअसल परियोजना प्रबंधक ने ठेकेदार कांट्रैक्टर दुग्गल एसोसिएट के खिलाफ कोई कार्वाई नहीं की थी। इस पर कमिश्नर काफी नाराज हुए।
परियोजना प्रबंधक ने कहा कि हर हाल में काम 30 सितंबर, 2019 तक कार्य पूरा करा लिया जाएगा। इस पर कमिश्नर फिर नाराजगी जताते हुए कहा कि 27 महीने में मात्र 40 फीसद कार्य हुआ है। ऐसे में 4 माह में शेष 60 फीसदी कार्य कैसे पूर्ण कराया जा सकेगा। कमिश्नर ने राजकीय निर्माण निगम के परियोजना प्रबंधक युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर परियोजना को तत्काल पूर्ण कराने के साथ ही कांट्रैक्टर के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया। कमिश्नर ने खासी नाराजगी जताते हुए फर्जी आंकड़ेबाजी न करने की चेतावनी दी।
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि मार्च, 2017 में इस 50 बेड के महिला चिकित्सालय का निर्माण कार्य शुरू हुआ, जिसे नवंबर, 2018 में पूर्ण होना था। दो बार कार्य पूर्णता की समय सीमा बढ़ाई जा चुकी है। 21 करोड़ स्वीकृत धनराशि में से 16 करोड़ 92 लाख रुपए धनराशि से अस्पताल का भवन निर्माण कराया जाना हैं, जिसके सापेक्ष 12 करोड़ की धनराशि कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को उपलब्ध कराया जा चुका है। अब तक 9 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।