बलिया के सिकन्दरपुर में ताजिया जुलूस के दौरान आगजनी और बवाल, दुकान और गाड़ियां जलायी गयीं, कई घायल, बाद में कर्फ्यू हटाकर लगायी गयी धारा 144।
बलिया में साम्प्रदायिक तनाव
बलिया. यूपी के बलिया में एक दिन पहले रात को दो बच्चों के विवाद के बाद उपजा तनाव आखिरकार बवाल में बदल ही गया। रविवार को ताजिया जुलूस के दौरान जमकर आगजनी और पथराव हुआ। इसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिये लाठी चार्ज की और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बवाल के बाद कस्बे में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया था। पर कुछ ही समय बाद इसे संशोधित कर कर्फ्यू के बदले धारा 144 लागू कर दी गयी। आजमगढ़ मण्डल के कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसपी समेत पुलिस के अधिकारी वहां मौजूद हैं। भारी पुलिस फोर्स व पीएसी तैनात कर दी गयी है।
बताया गया है कि बलिया के सिकन्दरपुर कस्बे में एक दिन पहले शनिवार को ताजिया निकाले जाने के दौरान दो बच्चों का कुछ विवाद हो गया था। तब बात इतनी आगे नहीं बढ़ी थी। पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर संभाल लिया था। रात में कड़ी सुरक्षा के बीच नवीं मोहर्रम का जुलूस संपन्न कराया गया।
रविवार को 10वीं माहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक संपन्न कराना पुलिस और प्रशासन के लिये बड़ी चुनौती थी। इसके लिये काफी इंतजाम भी किये गए थे और कई थानों की पुलिस फोर्स तैनात की दी गयी थी। ताजिया जुलूस दोपहर बाद निकले और शाम को वापस भी हो रहे थे। मिली जानकारी के मुताबिक इसी दौरान जाल्पा देवी मंदिर के पास से आखिरी जुलूस गुजर रहा था।
इस दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई और आगजनी की गयी। दोनों ओर से जमकर उपद्रव मचाया गया। दुकान में आग लगा दी गयी और दो बाइक भी आग के हवाले कर दी गयी। सूचना मिलने पर वहां और फोर्स बढ़ा दी गयी। पुलिस ने लाठीचार्ज कर अराजक तत्वों को खदेड़ा। स्थिति पर नियंत्रण करने के लिये आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए।
किसी तरह फोर्स ने हालात पर काबू पाया। सूचना मिलने पर कमिश्नर, डीआईजी भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए। शाम को पूरे कस्बे में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया। करीब डेढ़ से दो घंटे बाद कर्फ्यू हटाकर वहां धारा 144 लागू कर दी गयी। डीएम ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। कुछ उपद्रवियों को पकड़ लिया गया है और कई चिन्हित भी किये जा चुके हैं।
IMAGE CREDIT: Patrika कस्बे में देर शाम हुए दो समुदायों के बीच टकराव की नींव एक दिन पहले शनिवार की रात ही पड़ चुकी थी। जेनरेटर को लेकर देर रात दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान भी दोनों ओर से लाठियां चली थीं। तब से पुलिस फोर्स और प्रशासन वहां डेरा जमाए हुए थे। इससे लगा था कि 10वीं मोहर्रम शांति से बीतेगा पर रविवार को जुलूस के दौरान हुआ टकराव और बवाल ने पुलिस व प्रशासन की पोल खोल दी।
बता दें कि सिकंदरपुर कस्बा मुहर्रम के दौरान संवेदनशील माना जाता रहा है। दुर्गा पूजा भी साथ पड़ने के चलते सड़कों के किनारे दुर्गा पूजा पण्डाल लगे हैं तो उसी रास्ते से जुलूस भी गुजरता है। संवेदनशील स्थान पर दो त्योहारों का एक साथ पड़ने के बाद दो समुदाय दो दिन आपस में लड़े और प्रशासन एक तरह से मूकदर्शक बना रहा उसने कानून व्यवस्था के दावों की हवा निकालकर रख दी।