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किसानों की बात करने वाली कांग्रेस गांवों में ही पिछड़ी

locationवाराणसीPublished: May 24, 2019 01:30:59 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

शीर्ष नेतृत्व की गांव से दूरी भी बनी बड़ा कारणशहर के तीनों विधानसभा क्षेत्रो से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को मिला अच्छा वोटअजय राय ने सुधारा अपना मत प्रतिशत

राहुल गांधी

राहुल गांधी

वाराणसी. किसान कर्ज माफी, न्याय योजना जैसी योजनाओं के साथ चुनाव मैदान में उतरी कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों से ही नुकसान उठाना पड़ा है। खास तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में तो यही हाल रहा है। यहां से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को शहर के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में गठबंधन प्रत्याशी से बेहतर वोट मिला लेकिन ग्रामीण इलाके में घुसते ही उनका ग्राफ नीचे गिरने लगा।
बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय अब तक तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। तीनों ही बार वह तीसरे नंबर पर रहे। सबसे पहले 2009 में वह सपा के टिकट पर मैदान में उतरे तो भाजपा प्रत्याशी डॉ मुरली मनोहर जोशी, बसपा के मोख्तार अंसारी के बात तीसरे नंबर पर रहे। तब अजय राय को 123874 (7.93 प्रतिशत) मत हासिल हुए थे। उसके बाद 2014 में भाजपा प्रत्याशी नरेंद्र मोदी, आम आदमी प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल के बाद बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय को 75614 (4.28 प्रतिशत) मत के साथ तीसरे नंबर से संतोष करना पड़ा था। इस बार फिर एक बार वह तीसरे नंबर पर रहे। अबकी नरेंद्र मोदी, गठबंधन प्रत्याशी शालिनी यादव के बाद अजय राय को 152528 (14.38 प्रतिशत) मत हासिल हुआ। यानी इस बार वह भले ही तीसरे नंबर पर रहे पर मत प्रतिशत में दोगुने से ज्यादा की वृद्धि हुई।
जहां तक विधानसभावार मत हासिल करने की बात है तो अजय राय को सबसे ज्यादा शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से 45299 मत मिले। इसके बाद कैंटोन्मेंट से 41500, शहर उत्तरी से 391763 मत। यानी शहर की तीनों विधानसभा क्षेत्र से उन्हें ठीक ठाक मत हासिल हुआ। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के दो विधानसभा क्षेत्र रोहनिया से 17657 मत जबकि सेवापुरी से महज 8685 मत हासिल हुए। यह तब है जब अजय राय पिंडरा (कोलअसला- पुरना नाम) से पांच बार विधायक रहे हैं। हालांकि पिंडरा विधानसभा क्षेत्र मछली शहर संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है।
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वैसे राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि एक तरह से देखा जाए तो शहर दक्षिणी जहां से अजय राय को सबसे ज्यादा मत मिला है उसमें पुरानी काशी का भी इलाका आता है जहां पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर का काम चल रहा है और राय ने इसका बराबर विरोध किया। दूसरे शहर दक्षिणी मुस्लिम बहुल इलाका भी है जहां के मतदाता परंपरागत रूप से कांग्रेस को मत करते रहे हैं। तीसरी बात जिला कांग्रेस कमेटी का ग्रामीण इलाकों में वर्चस्व न होना रहा। और सबसे प्रमुख बात कि इस लोकसभा चुनाव के लिए प्रियंका गांधी को छोड़ कोई भी बड़ा नेता बनारस नहीं आया। प्रियंका आई भी तो उनका रोड शो शहरी इलाके में हुआ जिससे ग्रामीण मतदाता दूर रहे। इसका भी प्रभाव अजय राय के मतों पर पड़ा। प्रियंका गांधी का रोड शो कैंट विधानसभा से शुरू हुआ और कुछ हद तक शहर दक्षिणी विधानसभा को छू कर रह गया। ऐसे में इसका मतों पर भी साफ-साफ असर दिख रहा है।
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Ajay Rai

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