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कांग्रेस ने इस अभियान से मध्य प्रदेश में जीता था विधानसभा चुनाव, अब लोकसभा चुनाव में उसी दांव से विपक्ष को मात देने की तैयारी

locationवाराणसीPublished: Mar 29, 2019 05:46:35 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

कांग्रेस थिंक टैंक की सोच पर चल रहा है अभियान।

Flag hosting done by a Film star in UP Congress office

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डॉ अजय कृष्ण चतुर्वेदी

वाराणसी. यूपी की सियासत से तीन दशक से हाशिये पर चल रही कांग्रेस ने इस 17वें लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ कई मोर्चे पर काम शुरू किया है। कुछ चीजें तो एकदम गुपचुप तरीके से चल रही हैं। कोशिश ग्रास रूट स्तर पर प्रतिद्वंद्वी को पटखनी देने की है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इस फार्मूले को मध्य प्रदेश में भी अप्लाई किया था जिसका सार्थक परिणाम निकला। उसके बाद ही इसे लागू किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने देश भर में ऐसी 100 से ज्यादा सीटें चिह्नित की हैं जहां पिछले चुनाव में वो दूसरे या तीसरे नंबर पर थे पर जम कर लड़े थे। इस सभी क्षेत्रों में कैंपेन चला कर निचले स्तर के लोगों से कार्यकर्ता मिल रहे हैं। उनसे विकास की हकीकत की जानकारी ले रहे हैं। इसके लिए एक फार्म तैयार किया गया है जिसे अलग-अलग समूहों से भरवाया जा रहा है। अभियान के तहत मौजूदा सांसद और विधायक से हिसाब मांगने की बात की जा रही है। ताकि चुनावी सभाओं के दौरान आम पब्लिक से हासिल फीडबैक के आधार पर बीजेपी पर हमला भी किया जाएगा। साथ ही उन्हें यह भरोसा दिलाया जा रहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो उनकी तकलीफों को दूर करेगी।
भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार को भी लक्ष्य किया है। इसके तहत किसान, मजदूर, श्रमिक, सफाई कर्मचारी, पटरी व्यवसायी, बुनकर को तो जोड़ा ही गया है, आशा कार्यकत्री, शिक्षा मित्र, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी शामिल किया गया है। बेरोजगारों के मुद्दे भी हैं।
इस अभियान के जरिए कांग्रेस लोगों से पूछ रही है कि 2014 और 2017 में बीजेपी ने जो वादे किए थे वो क्या पूरे हुए। मसलन किसानों से पूछा जा रहा है कि क्या कर्ज माफी हुई। उत्पादन लागत दोगुनी हुई। यही नहीं अगर किसी योजना के लिए उनकी जमीन ली गई या ली जा रही है तो क्या भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के तहत उन्हें मुआवजा मिल रहा है। इसी तरह के सवाल पटरी व्यवसायियों से पूछा जा रहा है किया यूपीए सरकार में बने कानून के तहत उनके लिए बाजार की व्यवस्था की गई या यूं ही उन्हें उजाड़ दिया गया। ऐसे सफाई कर्मचारियों से भी उनके हित में भाजपा स्तर से किए गए वादों की पूर्ति की जानकारी ली जा रही है। सोशल मीडिया पर भी इस अभियान के तहत लोगों को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए फेसबुक पर पेज भी बनाया गया है। फेसबुक पेज पर #HaathUthao #KnowYourSaansad शीर्षक से अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत युवाओं, किसानों, गरीबों को उनका हक दिलाने की बात कही जा रही है। अपने सांसदों से हिसाब मांगने की बात कही जा रही है।
इस अभियान से जुड़े युवाओं का कहना है, ”मेरे दोस्त, वक़्त आ गया है, जब देश का युवा- नौजवान यूनिवर्सिटी, कॉलेजों, काम काज से आज़ाद होके गांव, बस्तियों में कमज़ोर की आवाज़ बन जाएं। वक़्त आ गया है, सड़कों पे आने का, मोदी की corporate लूट से देश बचाने का, लोकतंत्र बचाने का, हाथ उठाने का। इंतज़ार रहेगा , इंक़लाब।”
सूत्र बताते हैं कि इस अभियान का नाम ”हाथ उठाओ” दिया गया है। यह काफी कुछ 2017 विधानसभा चुनाव से पहले किसानों से भरवाए गए फार्म की ही तर्ज पर है पर इसे विस्तार दिया गया है।
बताया जा रहा है कि पूर्वांचल में मिर्जापुर, कुशीनगर में यह योजना तेजी से चल रही है। योजना के तहत बनारस में भी काम हो रहा है। बता दें कि मिर्जापुर और कुशीनगर सीट पर 2014 में भी कांग्रेस भले हारी हो पर दोनों ही कैंडिडेट चाहे वह ललितेशपति त्रिपाठी रहे हों या आरपीएन सिंह अच्छी लड़ाई लड़े थे।
लेकिन कांग्रेस के इस अभियान से भाजपा की नींद उड़ गई है। उन्हें इसकी काट समझ नहीं आ रही है। उधर कांग्रेस है कि इस अभियान को लगातार और तेज करने में जुटी है।

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