कांग्रेस नेता ने उठाए सवाल अजय राय ने देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा यह कहने कि, रॉफेल लड़ाकू विमान रक्षा सौदे से जुड़ी फाइल गायब हो गयी है, पर हैरत जताते हुए कहा कि, जब खुद नरेंद्र मोदी रक्षा सौदों से जुड़ी फाइल की रक्षा कर पाने में अक्षम हैं तब देश की सुरक्षा कैसे संभव है। इसका मतलब पूरा देश समझ रहा है।
विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना, अधार्मिक सोच कांग्रेस नेता ने बनारस के सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित बनारस दौरे और इस दौरान अपने ड्रीम प्रोजेक्ट श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के शिलान्यास को अधार्मिक कृत्य करार दिया। बनारस के साथ – साथ देश के वर्तमान हालात पर अपनी बेबाक राय रखते हुए पांच बार के विधायक रहे अजय राय ने कहा कि, वाराणसी शहर की प्राचीनता और उसके विशिष्ट धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर ध्वस्त करने का षडयंत्र वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्तर से किया जा रहा है। उनके इस अधार्मिक प्रोजेक्ट की वजह से आदि-अनादि काल की प्राचीनता के लिए पूरे विश्व मे जाना जाने वाला शहर बनारस आज अपनी उस पुरातन वैशिष्ट्य को खोता जा रहा है। उनके इस ड्रीम प्रोजेक्ट की वजह से बनारस में कई सौ बेहद प्राचीन मंदिरों को बेदर्दी के साथ तोड़ा जा रहा है तथा उन प्राचीन मंदिरों में सदियों से स्थापित देव प्रतिमाओं को तोड़कर नालों में फेंकने जैसा घृणित कार्य भी किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रोजेक्ट की वजह से हिंदू आस्था के केंद्र प्राचीन मंदिरों और देव प्रतिमाओं को तोड़ने की वजह से एक तरफ जहां हिंदुओं की आस्था आहत हुई है वहीं दूसरी तरफ बनारस की प्राचीन पहचान को नष्ट किया गया।
बनारस की खूबसूरती को कर दिया नष्ट वाराणसी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रजानाथ शर्मा ने कहा कि, काशी पौराणिक नगरी है। यही इसकी सबसे खूबसूरत और विशिष्ट बात है। लेकिन नरेंद्र मोदी के तथाकथित विकास मॉडल ने काशी की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को नष्ट कर दिया। बनारस की जिन गलियों ने एक हंसते- खिलखिलाते नगरीय सभ्यता को पाल -पोषा था, आज वहां जेसीबी चलाई जा रही है। यह एक जीवंत शहर की हत्या है। हम सभी कांग्रेसजन कॉरिडोर के नाम पर बनारस के इस “बनारसीपन” की हत्या की कटु आलोचना करते हैं ।
सांस्कृतिक पहचान को किया नष्ट महानगर अध्यक्ष सीताराम केशरी ने नरेंद्र मोदी के अधार्मिक ड्रीम प्रोजेक्ट “श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर” को छलावा का नाम दिया। उन्होंने कहा कि यह सुर सिर्फ और सिर्फ बनारस का गुजरतातीकरण है। श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के नाम पर बनारस की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को ख़त्म करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि जो प्रधानमंत्री खुद रक्षा सौदे से जुड़ी फाइल की सुरक्षा नही कर पा रहा वह भला देश की सुरक्षा कैसे कर सकता है ?
वस्तुतः बनारस की प्राचीनता की वजह से ही बनारस को विश्व का सबसे प्राचीन शहर होने के साथ बनारस को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता रहा है। लेकिन दुर्भाग्य कि आज खुद को सबसे धार्मिक कहने वाली तथा धर्म का चादर ओढ़ने वाली पार्टी का मुलम्मा धीरे -धीरे छूट रहा है। भाजपा के शासनकाल में बनारस के इस खांटी बनारसी ” विश्वविख्यात पहचान को मिटाने का षडयंत्र किया जा रहा है। यह न सिर्फ निंदनीय है बल्कि दुःखद भी है ।