बता दें कि कांग्रेस गत मंगलवार को प्रदेश के 51 जिलों के 48 जिला व 3 शहर अध्यक्षों के नाम की सूची जारी कर चुकी है। अभी 29 जिलों पर फैसला आना बाकी है। यही नहीं अभी प्रदेश के 80 में से 77 जिलो में शहर अध्यक्षों का भी मनोनयन होना शेष है। ऐसे में कांग्रेस नेतृत्व का ध्यान अभी पूरी तरह से विधानसभा उप चुनाव पर है। वैसे भी पार्टी नेतृत्व ने सभी बड़े व खांटी कांग्रेसियों को उन 11 विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में लगा रखा है, जहां उपचुनाव होने वाले हैं। पार्टी इस उपचुनाव के माध्यम से भी सूबे की सियासत में एक संदेश देना चाहती है।
खांटी कांग्रेसियों की मानें तो जिस तरह से लोकसभा चुनाव के बाद से प्रियंका गांधी ने खुद पहल करके एक-एक मुद्दे पर सड़क पर उतर कर संघर्ष किया है चाहे वो सोनभद्र का उम्भा नरसंहार प्रकरण हो, उन्नाव प्रकरण हो या मिर्जापुर के सरकारी स्कूल में नमक-रोटी वितरित करने का। इसके अलावा वह महंगाई, बेरोजगारी, खेती-किसानी हर मुद्दे पर लगातार भाजपा सरकार पर आक्रामक हैं। इतना ही नहीं यूपी के विभिन्न जिलों में आई बाढ़ के बाद जिस तरह से प्रियंका गांधी ने यूथ कांग्रेस को स्वास्थ्य कैंप लगाने की हिदायत दी है, उससे साफ है कि वह मिशन 2022 के लिए बेहद संजीदा हैं और इसी लिहाज से काफी ठोक-बजा कर ही जिलों का नेतृत्व सौंपने में जुटी हैं। अब जिस तरह से उम्भा में उन्होंने एक आदिवासी को जिले की कमान सौंपी है वह साफ दर्शाता है कि प्रियंका ऐसे लोगों को संगठन की कमान सौपना चाहती हैं जो जमीन से जुड़ा हो। लोगों के बीच उसकी अच्छी साख हो।
लिहाजा अभी बनारस के जिला व शहर अध्यक्ष की ताजपोशी पर चल रही कवायद पर फिलहाल विराम लगता नहीं दिख रहा है। वैसे भी बनारस कांग्रेस और प्रियंका गांधी दोनों के लिए बेहद संवेदनशील है। यहां के जिला व शहर अध्यक्ष को लेकर प्रियंका गांधी किसी सूरत में जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेना चाहतीं।
यह दीगर है कि बनारस कांग्रेस के अंदरखाने जिला अध्यक्ष के रूप में राजेश्वर पटेल और महानगर अध्यक्ष के रूप में यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राघवेंद्र चौबे के नाम की चर्चा जोरों पर है। पर पार्टी सूत्र बताते हैं कि फिलहाल यह कयासबाजी ही है। अंतिम निर्णय चौंकाने वाला हो सकता है।
इस बीच बनारस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद व प्रदेश के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ राजेश मिश्र के मीडिया में छपे बयानों के बाद प्रियंका गांधी ने उन्हें बुलाया और उनसे अकेले में बात भी की। डॉ मिश्र इस वक्त प्रियंका के बुलावे पर ही बाराबंकी में वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया के बेटे के चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।