scriptNRC-CAA का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस सड़क पर | Congress on road against harassment of social workers | Patrika News

NRC-CAA का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस सड़क पर

locationवाराणसीPublished: Feb 11, 2020 05:05:25 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र से मुलाकात कर सौपा ज्ञापन

सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ सड़क पर कांग्रेस

सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ सड़क पर कांग्रेस

वाराणसी. कांग्रेस का आरोप है कि बनारस में NRC-CAA का विरोध करने पर सामाजिक- राजनैतिक कार्यकर्ताओं का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न किया जा रहा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि शांतिपूर्ण- लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा करना उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन ऐसे लोगों को पुलिस कार्रवाई का भुक्तभोगी होना पड़ रहा है। महानगर कांग्रेस ने इस पर कड़ा विरोध जताया है। इतना ही नहीं पुलिस महानिरीक्षक वाराणसी परिक्षेत्र से मिलकर पत्रक भी सौपा है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के खिलाफ पुलिस महानिरीक्षक से वार्ता करते कांग्रेसी
IMAGE CREDIT: पत्रिका
इस पूरे मामले पर महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक विरोध दर्ज करा रहे लोगो पर आपराधिक धाराएं लगाना और उन्हें जेल में डालना सर्वथा अनुचित और दमनकारी है। कहा कि कई ऐसे उदाहरण भी सामने आ रहे हैं जिसमे व्यक्ति कि मौजूदगी दूर-दूर तक घटनास्थलों पर नही है लेकिन पुलिस उन्हें ही सरगना बतला रही है। संदर्भगत प्रकरण में गांधीवाद कार्यकर्ता जागृति राही पर 7CLA सहित गंभीर आपराधिक धाराएं लगा दिया गया है। जागृति पर 25,000 रुपये का इनाम भी घोषित कर दिया है। जागृति राही जो कि पदमश्री से सम्मानित गांधीवादी रामचन्द्र राही की पुत्री है। सर्वसेवा संघ राजघाट से जुड़ी जागृति के परिवार में स्वतंत्रता सेनानी रहें हैं। जागृति वर्तमान में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य हैं।
इन सब को नजरंदाज कर 23 जनवरी 2020 को बेनियाबाग वाराणसी में जिस NRC-CAA प्रकरण में हुए प्रदर्शन पर FIR करके पुलिस इनको ढूंढ रही है उस पूरे दिन जागृति बतौर जुवेनाइल बोर्ड सदस्या कोर्ट में मौजूद रही हैं, जिसकी पुष्टि कार्यालय रजिस्टर व CCTV कैमरे में साक्ष्य से ज्ञात की जा सकती है। जागृति के साथ ही डॉ अनूप श्रमिक का भी नाम वाराणसी पुलिस की सूची में दर्ज है, जबकि डॉ श्रमिक घटनास्थल पर 23 जनवरी 2020 को आए ही नही। डॉ श्रमिक दशकों से एससी/एसटी मॉनीटरिंग प्रकोष्ठ के सम्मानित सदस्य हैं।
राघवेंद्र ने कहा कि यह सरकार लोकतंत्र को हाशिए पर रख रही है जो लोकतांत्रिक देश मे अनुचित है। अतः पुलीस महानिरीक्षक से अनुरोध है कि संबंधित जिम्मेदार जांच अधिकारी से वार्ता कर साक्ष्यों का पुनरावलोकन करके न्यायपूर्ण कार्रवाई करने को निर्देश दें। संवैधानिक रूप से आवाज उठाने वालों पर जबरन पुलिसिया कार्रवाई बंद हो व समाज मे सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे।।
प्रतिनिधि मंडल में फ़साहत हुसैन बाबू,मनीष चौबे, मयंक चौबे, रितु पांडेय, कब्बन भाई, पूनम कुंडडू, अशोक सिंह, मनीष सिन्हा, तौफीक कुरेशी, रोहित दुबे, परवेज खां, किशन यादव, आदिल, नदीम, बेचन यादव समेत दर्जनों कार्यकर्ता शामिल रहे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो