सेवादल के मुख्य संगठक हरीश मिश्र के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन काशी के बुद्धिजीवियों से सवाल दागा कि बीएचयू में अगर अयोग्य प्रोफेसर शिक्षा देंगे तो विश्वविद्यालय से अयोग्य छात्रों का उत्पादन होगा और देश में अयोग्य छात्रों की भरमार होगी तो अयोग्य भारत का निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि इसे साजिश नहीं तो और क्या कहा जाए। उन्होंने इसके लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही कहा कि प्रधानमंत्री भी इससे खुद की जिम्मेदारी से मुक्त नहीं कर सकते। कहा कि बीएचयू में अयोग्य लोगों की नियुक्ति का प्रकरण कोर्ट में पहुंच गया. केंद्र सरकार तक पहुंच गया। एमएचआरडी तक पहुंच गया। सारी जानकारी होते हुए भी अब तक केंद्र सरकार चुप्पी साधे है, न तो अयोग्य नियुक्त लोगों को हटाया गया न उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई। इस प्रकरण पर केंद्र सरकार और भाजपा की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
सेवादल के मुख्य संगठक ने कहा कि हम कांग्रेस सेवादल के लोग भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय के उच्च विचारों पर यह कलंक नहीं लगने देंगे। भले ही तानाशाह भाजपा सरकार हमें जेल भेज या निर्मम हत्या करा दे। लेकिन बनारस के शान-बान पर बट्टा नहीं लगने देंगे। काशी की गरिमामयी विरासत को चंद लोगों के साजिश का शिकार नहीं होने देंगे। काशी की शान को बचाने के लिए अंतिम दम तक भ्रष्टाचारियों से लड़ते रहेंगे।
इस मौके पर विजय उपाध्याय, आशीष केशरी,प्रिंस राम खगोलन, छात्रनेता कुंवर विश्वनाथ, रोशन कुमार, रवींद्र वर्मा, रंजीत सेठ, स्नेह जायसवाल, कुलदीप शर्मा, देवी प्रसाद यादव, पंडित कमल त्रिपाठी, रिंकू मौर्या, तौशिक रज़ा, राकेश सोनकर, धनवंतरि द्विवेदी आदि मौजूद रहे।